नई दिल्ली| उद्योग जगत ने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की अगुवाई वाले अधिकार प्राप्त समूह के साथ बैठक में मध्यम अवधि के लक्ष्यों के साथ भविष्य की राजकोषीय रूपरेखा की घोषणा करने और सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में पूंजी डाले जाने की जरूरत पर जोर दिया। इस अधिकार प्राप्त समूह का गठन 29 मार्च को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बारे में सुझाव देने के लिये किया गया था।
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बैठक के दौरान उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने लॉकडाउन और आर्थिक गतिविधियां शुरू किये जाने को लेकर केंद्र, राज्यों एवं जिला प्रशासन के बीच बेहतर तलामेल की बात कही। उद्योग मंडल ने एक बयान में कहा कि सीआईआई ने सरकार से मध्यम अवधि के लक्ष्य के साथ भविष्य के लिये वित्तीय रूपरेखा की घोषणा करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डाले जाने की जरूरत पर जोर दिया है।
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ईसीजीएलएस के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को 3 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाना है। बैठक में फिक्की, फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एफआईएसएमई) और उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
नीति आयोग के ट्वीट के अनुसार उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के प्रतिनिधियों ने ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने और आपूर्ति व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत पर चर्चा की।