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राेजगार चाहने वाले बने सक्षम, इस दिशा में हो रहें प्रयास : शिवराज

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर रोजगार चाहने वाले व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिले और रोजगार चाहने वाले इतने सक्षम बन जाएं कि एक दिन स्वयं रोजगार देने की स्थिति में आ जाएं, इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में एकीकृत जॉब पोर्टल तैयार किया जाएगा। इसका लाभ जरूरतमंदों को दिलवाने में मिलेगा। इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अपने हुनर से रोजगार दिलवाना आसान होगा। मध्यप्रदेश में जब कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से स्किल मेपिंग की गई तो अनेक हुनरमंद सामने आए। इनकी संख्या सात लाख से अधिक थी।

उन्होंने कहा कि इनको रोजगार उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया। अन्य प्रांतों से अपना स्थायी काम धंधा छोड़कर प्रदेश लौटे करीब चालीस हजार लोगों को तुरंत रोजगार मिल गया। इसी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए नवीन पोर्टल के निर्माण का विचार सामने आया है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप से लेकर एमएसएमई क्षेत्र तक प्रतिभा को अवसर देकर आगे बढ़ाया जाएगा, उन्हें हताश नहीं होने दिया जाएगा। श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से देशभर के आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिकारियों, नीति निर्माताओं, प्रमुख जनप्रतिनिधियों की सहभागिता वाले चार दिवसीय वेबिनार के चौथे और समापन दिवस पर अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के एक दिवसीय सत्र में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद जयंत सिन्हा द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर अमल किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हो रहे विचार-विमर्श का विशेष महत्व है क्योंकि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था का पहिया न रूके, इसके लिए बहुआयामी मंथन से ही समाधान निकलेंगे। मुख्यमंत्री ने वेबिनार में अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के चर्चा सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सुखी जीवन का आकांक्षी होता है। इसके लिए दो बातें बहुत आवश्यक हैं। एक व्यक्ति सुखी कैसे रहे, दूसरा व्यक्ति कभी मरे नहीं।

श्री चौहान ने कहा कि दूसरी बात तो संभव नहीं है, लेकिन सुखी जीवन के लिए रोटी कपड़ा, मकान, रोजगार की आवश्यकता होती है। शरीर के साथ मन बुद्धि और आत्मा का सुख व्यक्ति चाहता है। मध्यप्रदेश में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाने का प्रयास किया जाए। बड़े उद्योग भी आएं, पूर्व में ऐसे प्रयास किए गए हैं। इनमें सफलता भी प्राप्त हुई है। कई बड़े उद्योग मध्यप्रदेश की धरती पर स्थापित हुए हैं जिनसे अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी आत्मनिर्भर भारत के लिए जो प्रयास कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गत कार्यकाल में प्रारंभ की गई युवा उद्यमी योजना में उद्योग लगाने वाले नौजवानों को दो करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी, 15 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया। इस योजना को नये सिरे से क्रियान्वित करने के प्रयास होंगे। लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के विकास की चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है। ऐसे उद्योगों को लगाने वाले उद्यमियों को पूंजी की उपलब्धता के लिए परेशान ना होना पड़े इसके साथ ही उनका कार्य सुचारु रुप से चले, इसमें अधिकतम सहयोग किस तरह दिया जा सकता है, इसके प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में श्रम कानूनों में सुधार से श्रमिक हित के साथ ही बेहतर उद्योग संचालन की व्यवस्था भी की गई। कोरोना काल में सबसे बड़ी दिक्कत अर्थव्यवस्था पर यह आई कि जो राजस्व प्राप्तियां होती हैं, उनमें भी कमी आई। इसके बावजूद सभी संभव प्रयास किए गए। लोगों की आजीविका कैसे सुरक्षित रहे, यह सबसे बड़ी चिंता थी। स्ट्रीट वेंडर्स जैसी योजना ने काफी सहारा दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में रोजगार चाहने वालों को रोजगार की सुरक्षा के साथ ही हाथ में कुछ नगद राशि रहे, यह भी प्रयास किया गया। विभिन्न हितग्राहियों को ऑनलाइन राशि का भुगतान भी किया गया। मध्यप्रदेश में कारोबार के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। युवाओं को लघु व्यवसाय प्रारंभ करने में कैसे मदद मिले, स्टार्टअप से लेकर एमएसएमई तक टैलेंट हताश न हों, यह प्रयास होना चाहिए।

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श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की न सिर्फ चिंता की है बल्कि इस दिशा में ठोस प्रयास भी किए हैं। मजबूत अर्थव्यवस्था ही प्रगति के वाहन में ईंधन का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर लांच कर आत्मनिर्भरता का जो मार्ग सुझाया है, उस पर हम सभी को चलना है। वेंडर्स योजना का शहरी क्षेत्र में क्रियान्वयन करते हुए मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के लिए पथ विक्रेता कल्याण योजना की पहल की गई।

श्री चौहान ने कहा कि सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन से अर्थव्यवस्था का सुधार होता है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कृषि का विशेष योगदान है। मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य से निकालकर इस योग्य बनाया गया कि कई वर्ष विकास दर बीस प्रतिशत तक रही। करीब 42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकी। बंपर कृषि उत्पादन की उपलब्धि मध्यप्रदेश ने हासिल की।

उन्होंने कहा कि कृषि अधोसंरचना को मजबूत बनाने और वेल्यू एडिशन के प्रयासों से किसानों को सीधा लाभ मिला है। मंडी अधिनियम में संशोधन से किसानों को वन नेशन, वन मार्केट की सुविधा मिली। इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों ने बेहतर कार्य किया है। इन समूहों की ताकत यह है कि इसकी सदस्य मिलकर कार्य करती हैं। मध्यप्रदेश में पीपीई किट यूनिफार्म और मॉस्क तैयार करने में यह समूह जुट गए। यही नहीं पोषण आहार बनाने का कार्य भी महिला समूह कर रहे हैं।

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