नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को ‘बालिका दिवस’ पर बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने का आह्वान किया है। कहा कि लड़कों को आरंभिक उम्र से ही लड़कियों का सम्मान करना सिखाया जाना चाहिए।
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श्री नायडू ने रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जारी एक संदेश में कहा कि अभिभावकों को बालिकाओं का सशक्तिकरण और शिक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उनके साथ लैंगिक भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज की मानसिकता बदलना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है तथा इसके जरिए ही बालिकाओं को सुरक्षित और सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध करने वाले लोगों के साथ ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई जानी चाहिए। इस तरह का बर्ताव करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
नायडू ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य जानकारी मात्र एकत्र करना नहीं बल्कि बेहतर मानव निर्माण होना चाहिए। श्री नायडू ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर यहां जारी एक संदेश में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा – शिक्षण प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए अध्यापक और अभिभावक अभिनंदन के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर शिक्षण संस्थाओं, शिक्षकों तथा अभिभावकों से आग्रह करता हूं कि विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास के लिए उन्हें ऐसी शिक्षा दें जिससे सामाजिक मूल्यों विकसित हों। शिक्षा का अर्थ मात्र जानकारी एकत्र करना ही नहीं है बल्कि एक बेहतर इंसान बनना है।
श्री नायडू ने कहा कि इस अवसर पर शिक्षकों का अभिनंदन है जिन्होंने महामारी के दौरान भी विद्यार्थियों ऑनलाइन शिक्षण निर्बाध जारी रखा और विद्यार्थियों के शिक्षा सत्र का सदुपयोग किया।