मोर पंख (Peacock Feathers) को मां लक्ष्मी से भी जोड़कर देखा जाता है. इसलिए मोरपंख धन को आकर्षित करता है और लोग इसे अपने घर की तिजोरी में रखते हैं. इसके अलावा अगर आप घर और ऑफिस में मोर की सुंदर सी तस्वीर और शोपीस भी रख सकते हैं.
बेडरूम के अग्नि कोण में मोर की तस्वीर लगाने से पति-पत्नी के बीच प्यार बना रहता है. इसके अलावा बेडरूम में मोर की तस्वीर, शोपीस और मोरपंख को ठीक दरवाजे के सामने लगाना चाहिए जिससे नेगेटिव एनर्जी दर्वाजे से ही बाहर चली जाए.
घर से किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी और वास्तुदोष दूर करने में मोर पंख (Peacock Feathers) बहुत प्रभावशाली है. इसलिए घर में मोरपंख रखना अच्छा माना जाता है.
यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात र रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में भी देने से शत्रुए शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है इस प्रकार के अनेकों प्रयोगों का धर्मशास्त्रों में वर्णन मिलता है.
हिन्दू धर्म में मोर के पंखों (Peacock Feathers) का विशेष महत्तव है। शास्त्रों के अनुसार मोर के पंखों में सभी देवी-देवताओं और सभी नौ ग्रहों का वास होता है। ऐसा क्यों होता है इसकी हमारे धर्म ग्रंथों में कथा है जो इस प्रकार है.
प्रचलित कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने मां पार्वती को पक्षी शास्त्र में वर्णित मोर के महत्व के बारे में बताया है। प्राचीन काल में संध्या नाम का एक असुर हुआ था। यह बहुत शक्तिशाली और तपस्वी असुर था। गुरु शुकाचार्य के कारण संध्या देवताओं का शत्रु बन गया था।
शनिवार को तीन मोर पंख (Peacock Feathers) ले कर आएं। पंख के नीचे काले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें-
ऊँ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
प्राचीन काल से ही नजर उतारने व भगवान की प्रतिमा के आगे वातावरण को पवित्र करने के लिए भी मोर पंख का ही प्रयोग होता आया है. मोर पंख का उपयोग वशीकरण, कार्यसिद्धि, भूत बाधा, रोग मुक्ति, ग्रह वाधा, वास्तुदोष निग्रह आदि में महत्पूर्ण माना गया हैं, इसे सर पर धारण करने से विद्या लाभ मिलता है या सरस्वती माता के उपासक और विद्यार्थी पुस्तकों के मध्य अभिमंत्रित मोर पंख रख कर लाभ उठा सकते हैं. मंत्र सिद्धि के लिए जपने वाली माला को मोर पंखों के बीच रखा जाता हैं. घर में अलग अलग स्थान पर मोर पंख रखने से घर का वास्तु बदला जा सकता है. नव ग्रहों की दशा से बचने के लिए भी होता है मोर पंख का प्रयोग. कक्ष में मोर पंख वातावरण को सकारात्मक बनाने में लाभदायक होता है. ग्रहों को शांत करने में मोर पंख आपकी सहायता कर सकता है.।
संध्या असुर ने कठोर तप कर शिवजी और ब्रह्मा को प्रसन्न कर लिया था। ब्रह्माजी और शिवजी प्रसन्न हो गए तो असुर ने कई शक्तियां वरदान के रूप में प्राप्त की। शक्तियों के कारण संध्या बहुत शक्तिशाली हो गया था। शक्तिशाली संध्या भगवान विष्णु के भक्तों का सताने लगा था। असुर ने स्वर्ग पर भी आधिपत्य कर लिया था, देवताओं को बंदी बना लिया था। जब किसी भी तरह देवता संध्या को जीत नहीं पा रहे थे, तब उन्होंने एक योजना बनाई।
योजना के अनुसार सभी देवता और सभी नौ ग्रह एक मोर के पंखों में विराजित हो गए। अब वह मोर बहुत शक्तिशाली हो गया था। मोर ने विशाल रूप धारण किया और संध्या असुर का वध कर दिया। तभी से मोर को भी पूजनीय और पवित्र माना जाने लगा।
सांप एक ऐसा जीव है जिसे सामने देखते ही साहसी इंसानों को भी पसीना आ जाता है। सांप का विष पलभर में ही किसी की भी जीवन लीला समाप्त कर देता है। इनके आने-जाने पर प्रतिबंध लगा पाना किसी के लिए भी काफी मुश्किल है। सांप आसानी से किसी के घर में प्रवेश कर सकते हैं। इनसे बचने के लिए शास्त्रों में ही सटीक उपाय बताया गया है।
सांपों के डर को समाप्त करने के लिए सबसे अच्छा और सरल उपाय है घर में मोर पंख रखा जाए। मोर पंख घर में ऐसे स्थान पर रखें जहां से आसानी से दिखाई दे। मोर पंख की सुंदरता आपके घर की सजावट बढ़ाने का काम भी करेगी। इससे आपके घर में सांप नहीं आएंगे। मोर पंख सांपों को हमारे घर से दूर रखता है। इसके अतिरिक्त शास्त्रों में इसके कई अन्य महत्व भी बताए गए हैं। मोर पंख का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है।
श्रीकृष्ण के चित्रों में देखा जा सकता है कि उनके मस्तष्क पर मोर पंख लगा रहता है। मोर पंख की उपयोगिता और पवित्रता इसी बात से बढ़ जाती है कि वह भगवान के मस्तष्क पर भी स्थान पाता है। घर में मोर पंख लगाने के बहुत सारे अन्य लाभ भी है। इसे घर में रखने से वातावरण में मौजूद नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है। इससे हमारी सोच पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
सांप मोर पंख से डरते हैं क्योंकि मोर ही इसे मार कर खा जाता है। अत: सांप उस क्षेत्र में जाता है ही नहीं है जहां मोर या मोर पंख दिखाई देता है।