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प्रदेशवासियों को 24 घंटे बिजली देने के लिए ऊर्जा विभाग गंभीरता से कार्य कर रहा: एके शर्मा

AK Sharma

AK Sharma

लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि प्रदेशवासियों को बेहतर विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ 24 घंटे बिजली मिले, इसके लिए ऊर्जा विभाग गंभीरता से कार्य कर रहा है। पूरी विद्युत व्यवस्था को नए सिरे से ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है, इसके लिए ओवर लोडिंग ट्रांसफार्मर, फीडर एवं उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।

ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने बताया कि बार-बार होने वाली ट्रिपिंग को रोकने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। पुराने जर्जर व झूलते तारों को एवं जर्जर व पुराने खंभों को भी हटाया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में हो रहे लाइन लास को कम करने एवं विद्युत चोरी को रोकने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रदेश के सभी उपभोक्ता योगी सरकार का सहयोग करने के लिए ईमानदारी से अपना विद्युत बिल समय से जमा करें, तो इस वर्ष की भांति आने वाले वर्षों में भी उनको बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तापीय ऊर्जा के साथ साथ वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

ऊर्जा मंत्री की पहल से ग्रामवासियों को मिली ट्रांसफार्मर के बार-बार जलने व लो-वोल्टेज की समस्या से मुक्ति

मंत्री ने बताया कि विद्युत कार्मिकों के अथक परिश्रम से विगत जुलाई माह में उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा मांग के अनुरूप 26,537 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की गई, जो कि विद्युत आपूर्ति के मामले में महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि आज जहां कई प्रदेशों में बिजली का संकट उत्पन्न हुआ है, वहीं हमारे प्रदेश में नागरिकों को बिजली संकट के दौरान भी भारी राहत दी गई।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि भीषण गर्मी एवं उमस में भी उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति देने के लिए ढांचागत व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है, इससे जहां ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने तथा ट्रिपिंग में कमी आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार उपभोक्ताओं के बिजली बिल में प्रति यूनिट 50 से 60 पैसा तक की ऐतिहासिक कमी की गयी।

एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि भीषण गर्मी के दौरान अनेक राज्यों में कोयला का भीषण संकट उत्पन्न हो जाने से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई थी। फिर भी उत्तर प्रदेश में कोयला संकट के बावजूद विगत वर्षों के सापेक्ष विद्युत उत्पादन इकाइयों को केंद्र सरकार के सहयोग से ज्यादा कोयला की आपूर्ति की गई।

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