उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के बक्शा क्षेत्र में पुलिस अभिरक्षा में एक युवक की मौत के सिलसिले में स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की पूरी टीम को निलंबित कर दिया गया है।
चक मिर्जापुर गांव निवासी किशन यादव उर्फ पुजारी की पुलिस अभिरक्षा में मौत को पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने गंभीरता से लेते हुए पूरी स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) टीम को शनिवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। बक्शा के थानेदार अजय कुमार सिंह व तीन सिपाहियों को शुक्रवार को ही निलंबित कर दिया गया था। इस प्रकरण में अब तक नौ पुलिस कर्मियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है।
श्री नय्यर ने बताया कि शनिवार को एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह व चार सिपाहियों को भी निलंबित कर दिया गया है । इस तरह से इस मामले में अब तक एक इंस्पेक्टर, एक एसआइ व सात सिपाही निलंबित किए जा चुके हैं।
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ज्ञातव्य है कि सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के खमपुर गांव निवासी कपड़ा व्यवसायी मोहन लाल यादव से एक फरवरी को बक्शा थाना क्षेत्र के शिव गुलामगंज में लूट की वारदात हुई थी। छानबीन में जुटी बक्शा पुलिस व एसओजी टीम की संयुक्त कार्रवाई में प्रकाश में आए बक्शा थाना क्षेत्र के चकमिर्जापुर गांव निवासी कृष्ण कुमार यादव किशन उर्फ पुजारी समेत पांच संदिग्धों को गुरुवार को हिरासत में लिया था। कृष्ण कुमार की रात में हालत बिगड़ गई। पुलिसकर्मी उसे सीएचसी बक्शा ले गए। हालत नाजुक देखते हुए रेफर किए जाने पर तड़के चार बजे जिला अस्पताल ले गए तो इलाज के दौरान डाक्टरों के मृत घोषित कर दिया।
पुलिस अभिरक्षा में बर्बर पिटाई से कृष्ण कुमार की मौत का आरोप लगाते हुए स्वजनों व हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने छह घंटे तक इब्राहिमाबाद मोड़ पर रास्ता जाम कर दिया था। उग्र ग्रामीणों के पथराव में सीओ सिटी जितेंद्र दुबे, इंस्पेक्टर संतोष श्रीवास्तव, एसआइ जय सिंह व दो सिपाही जख्मी हो गए थे। रात आठ बजे पिटाई के आरोपित पुलिस कर्मियों पर बक्शा थाने में हत्या व लूट का मुकदमा दर्ज होने के बाद स्वजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने दिया था।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मजिस्ट्रियल जांच को एडीएम (वित्त) राम प्रकाश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम बनाई है, जबकि एसपी राज करन नय्यर ने विभागीय जांच एएसपी (ग्रामीण) त्रिभुवन सिंह को सौंपी है।