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पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना से निधन, CM तीरथ ने जताया दुख

Sundarlal Bahuguna dies from Corona

Sundarlal Bahuguna dies from Corona

शुक्रवार को मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का कोरोना के कारण निधन हो गया। वह कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज ऋषिकेश एम्स में किया जा रहा था।

मशहूर चिपको आंदोलन के प्रणेता रहे सुंदरलाल बहुगुणा को 8 मई को ही कोरोना संक्रमित होने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार (21 मई) को उन्होंने अंतिम सांस ली। सुंदरलाल बहुगुणा की उम्र 94 साल थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर दुख व्यक्त किया है।

चिपको आंदोलन के प्रणेता रहे

महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने वाले सुंदरलाल बहुगुणा ने 70 के दशक में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अभियान चलाया, जिसने पूरे देश में अपना एक व्यापक असर छोड़ा। इसी दौरान शुरू हुआ चिपको आंदोलन भी इसी प्रेरणा से शुरू किया गया अभियान था।

तब गढ़वाल हिमालय में पेड़ों की कटाई के विरोध में शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाया गया। मार्च 1974 को कटाई के विरोध में स्थानीय महिलाएं पेड़ों से चिपक कर खड़ी हो गईं, दुनिया ने इसे चिपको आंदोलन के नाम से जाना।

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सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म उत्तराखंड के टिहरी के पास एक गांव में 9 जनवरी 1927 को हुआ था। अपने जीवन काल में उन्होंने कई आंदोलनों की अगुवाई की, फिर चाहे वो शुरुआत में छुआछूत का मुद्दा हो या फिर बाद में महिलाओं के हक में आवाज़ उठाना हो।

महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर सुंदरलाल बहुगुणा ने हिमालय के बचाव का काम शुरू किया और उसके लिए ही जिंदगीभर आवाज़ उठाई, यही कारण है कि उन्हें हिमालय का रक्षक भी कहा गया।

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