लखनऊ। नगर निकायों के अधिकारी अब सड़कों को गड्ढामुक्त (Pothole Roads) करने के नाम पर कागजी खानापूर्ति नहीं कर पाएंगे। नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों (EO) को गड्ढामुक्त हो चुकी सड़कों के बारे में जहां हलफनामा के देना होगा, वहीं, प्रमाण पत्र के जरिए यह भी बताना होगा कि उनके क्षेत्र की सड़कों में अब एक भी गड्ढा नहीं रह गया है। साथ ही वहीं नगर विकास विभाग के यूट्यूब लिंक पर साक्ष्य के तौर पर विडियो भी शेयर करना होगा।
बता दें कि इस वर्ष भी शहरी क्षेत्रों की सड़कों को गड्ढामुक्त (Pothole Roads) करने के लिए 30 नवंबर तक का टाइमलाइन दिया गया है। अभियान को एक महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन अब तक 17 प्रतिशत से भी कम सड़कें गड्ढामुक्त हुई हैं। आम तौर पर हर वर्ष भी सड़कों को गड्ढामुक्त करने की यही गति रहती है। अंतिम समय में लक्ष्य पूरा दिखाने के लिए निकायों द्वारा कागज पर काम पूरा दिखा दिया जाता है।
निकाय अधिकारियों के इस खेल पर अंकुश के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत सभी नगर आयुक्तों और ईओ को गड्ढामुक्त हो चुकी सभी सड़कों की निगरानी खुद करने को कहा है।
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अभियान खत्म होने पर सभी नगर आयुक्तों व ईओ को एक शपथपत्र के रूप में यह प्रमाण देना होगा कि उनके निकाय क्षेत्र में सभी सड़कें गड्ढामुक्त (Pothole Roads) कर दी गई हैं। इस संबंध में स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है।