नई दिल्ली| कर्मचारी भविष्य निधि में कर्मचारी और नियोक्ता मूल वेतन और डियरनेस अलॉवेंस का 24 प्रतिशत जमा करवाते हैं। इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) संचालित करता है। वित्तीय वर्ष का निर्धारण होने के बाद और जारी वर्ष की समाप्ति पर ईपीएफओ मासिक क्लोजिंग बैलेंस का आकलन करता है और उसके बाद साल भर के ब्याज का आकलन करता है। इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट /1200 से गुणा कर दिया जाता है।
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ईपीएफओ के अनुसार, यदि कोई सदस्य फाइनल स्टेटमेंट लेता है और उस साल का ब्याज नोटिफाई नहीं किया गया है तो, पिछले साल ब्याज दरों के आधार पर ब्याज दिया जाता है।
यदि चालू वर्ष के दौरान कोई राशि निकाली जाती है तो, ब्याज की रकम साल की शुरुआत से लेकर निकासी के तुरंत पहले वाले महीने की ली जाती है। साल का क्योजिंग बैलेंस उसका ओपनिंग बैलेंस होगा+कंट्रीब्यूशन-निकासी (यदि कोई है तो)+ब्याज।