नई दिल्ली| कोरोना महामारी ने कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) के अंशधारकों के भुगतान को भी प्रभावित किया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड ने बुधवार को 2019-20 के ब्याज को दो किस्तों में देने का फैसला किया है। ईपीएफओ 8.5 फीसदी का ब्याज 8.15 फीसदी और बाद में 0.35 फीसदी का भुगतान किया जाएगा। 0.35 फीसदी का भुगतान दिसंबर तक किया जा सकता है।
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भविष्य निधि कोष का प्रबंधन करने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने छह करोड़ के करीब अंशधारकों को वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये भविष्य निधि पर तय ब्याज का आंशिक भुगतान करने का फैसला किया है। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.50 प्रतिशत की तय दर में से फिलहाल 8.15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने का फैसला किया गया है।
ईपीएफओ ने इससे पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किये गये अपने कोष को बाजार में बेचने की योजना बनाई थी। ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिये यह निर्णय लिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।
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ईपीएफओ का केन्द्रीय ट्रस्टी बोर्ड, संगठन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है। दिसंबर 2020 में इसकी पुन: बैठक होगी जिसमें भविष्य निधि अंशधारकों के खातों में 0.35 प्रतिशत की दर से ब्याज की बकाया राशि का भुगतान किये जाने पर गौर किया जायेगा। भुगतान का यह मुद्दा ट्रस्टी बोर्ड की आज की बैठक में सूचीबद्ध नहीं था लेकिन कुछ ट्रस्टियों ने पीएफ खातों में ब्याज अदायगी में देरी का मुद्दा उठाया। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ट्रस्टी बोर्ड के अध्यक्ष हैं।