Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

गुप्त नवरात्र में इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना, नोट करें विधि

Gupt Navratri

Gupt Navratri

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri) प्रारंभ होगी। गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। साल में 4 बार नवरात्र पड़ते हैं। तांत्रिक साधना करने वालों के लिए गुप्त नवरात्र का समय बहुत विशेष होता है। गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri) में मां दुर्गा की तांत्रिक विधि और मंत्रों से पूजा करने से सभी प्रकार के दोष समाप्त हो जाते हैं। गुप्त नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। सभी को अपने घरों में कलश स्थापना करना चाहिए। इस कलश में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।

कलश स्थापना विधि

नवरात्र (Gupt Navratri) में पूजा के दौरान स्थापित किए गए कलश को नौ दिनों के बाद ही नदी में विसर्जित किया जाता है। यही कारण है कि गुप्त नवरात्र के दौरान मिट्टी से बने कलश की ही स्थापना करनी चाहिए, क्योंकि मिट्टी को सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। मिट्टी से बने कलश को स्थापित करने के बाद उसमें मिट्टी से बने कलश का ढक्कन, जटा वाला नारियल, कलावा, लाल कपड़ा, मौली, गंगाजल, अक्षत रखें।

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri) में घट स्थापना का शुभ समय 6 जुलाई को सुबह 5.11 बजे से 7.26 बजे तक है। इस दौरान आप कलश स्थापना कर सकते हैं। इस मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाएं, तो 6 जुलाई को अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक भी कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

कलश स्थापना करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मिट्टी के कलश पर कोई काला धब्बा न हो। ऐसा करने से पूजा का प्रभाव बुरा हो सकता है। कलश को हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। कभी भी टूटा हुआ या खंडित कलश स्थापित नहीं करना चाहिए।

Exit mobile version