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ऑस्ट्रेलिया में स्टंपिंग मिस करने के बाद भी गांगुली ने किया था सपोर्ट

सौरव गांगुली

सौरव गांगुली

नई दिल्ली| पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने 2000 के शुरुआती दौर में एक मजबूत टीम तैयार की। एक ऐसी टीम, जो दुनिया की बेस्ट टीमों से मुकाबला करने को तैयार थी। इसके साथ ही गांगुली को अपने खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए भी जाना जाता है। इनमें युवा खिलाड़ियों जैसे हरभजन सिंह, जहीर खान, अनिल कुंबले, युवराज सिंह, इरफान पठान और महेंद्र सिंह धोनी के अलावा भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, और वीवीएस लक्ष्मण भी शामिल रहे। गांगुली ने युवा और दिग्गज सभी खिलाड़ियों का भरपूर सपोर्ट किया है।

अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने 17 साल की उम्र में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत के लिए डेब्यू किया था। हाल ही में  उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान गांगुली की कप्तानी के दौर को याद करते हुए बताया कि किस तरह गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया में उनका सपोर्ट किया था। 2003 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान एडिलेड में मैच खेला जा रहा था। इस दौरान पार्थिव से एक स्टंपिंग का चांस मिस हो गया था। इसके बावजूद गांगुली ने उन्हें सपोर्ट किया था।

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पार्थिव पटेल ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में बताया, ”एक नहीं, ऐसे कई उदाहरण हैं। मैंने दादा की कप्तानी में 2-3 साल खेला है। मुझे याद है ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड में एक टेस्ट मैच के दौरान मुझसे स्टंपिंग मिस हो गई थी। वह टेस्ट मैच हमने जीता था।”

उन्होंने आगे कहा, ”इसके बाद जब हम मेलबर्न और सिडनी पहुंचे। दादा ने हमसे कहा कि हम लोग खाना एक-साथ खाएंगे। जब हम लोग साथ में शाम की चाय पी रहे थे तो वह मारी बिस्किट का डब्बा लेकर घूम रहे थे।” पार्थिव ने बताया, ”वह खिलाड़ियों पर भरोसा जताने के लिए शाम को हमें अपने कमरे में बुलाते थे। वह बताते थे कि वह हमारे पीछे खड़े हैं और हमें किसी भी तरह की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। और हमें टीम से ड्रॉप नहीं किया जाएगा।”

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विकेटकीपर-बल्लेबाज ने 2003 के ब्रिस्बेन टेस्ट को याद किया, जब गांगुली ने तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी का सामना करते हुए उनकी बल्लेबाजी की सराहना की थी। पार्थिव ने कहा, ”जब हम ब्रिस्बेन में नई गेंद के खिलाफ खेल रहे थे, जब उन्होंने शतक बनाया था। मैंने जेसन गिलेस्पी का सामना नई गेंद के साथ किया। हर गेंद के बाद दादा मेरे पास आते और बताते कि मैं कैसा खेल रहा हूं। इसके साथ ही वह मेरी बल्लेबाजी की भी तारीफ करते।” उन्होंने आगे कहा, ”इससे बहुत फर्क पड़ता है और यह केवल एक खिलाड़ी के साथ नहीं था। वह ऐसा लगातार हर खिलाड़ी के साथ करते थे।”

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