लखनऊ। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव काफी अहम हैं। ज्यादातर जिलों में सत्ताधारी दल भाजपा व सपा के बीच कड़े मुकाबले के आसार हैं। वहीं दूसरी ओर उप चुनाव के बाद भी दो प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के 6,384 पद अभी भी खाली हैं।
सूबे में पंचायत चुनावों के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनावों पर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो चुकी है। आयोग द्वारा तारीखों के एलान के बाद अब राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने जोर-आजमाइश शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक भाजपा व सपा के प्रत्याशियों का ही बोलबाला है। कई जिलों में बसपा भी अध्यक्ष पद की मुख्य दावेदार है। ज्यादातर जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों की अहम भूमिका होगी, जिनकी जोड़-तोड़ तेज हो गई है। अलग-अलग जिलों में सुभासपा, आप, कांग्रेस, अपना दल आदि समर्थित जीते सदस्य भी समीकरण को प्रभावित करेंगे। दूसरी तरफ त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के छह और क्षेत्र पंचायत सदस्य के 186 पदों पर प्रत्याशी निर्वाचित हुए। उप चुनाव के बाद भी ग्राम प्रधान के दो और ग्राम पंचायत सदस्य के 6,384 पद रिक्त रह गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सोमवार को सुबह 8 बजे से मतगणना हुई। मतगणना के बाद रायबरेली, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, वाराणसी और बदायूं में जिला पंचायत सदस्य के एक-एक वार्ड में हुए उप चुनाव के नतीजे सोमवार को घोषित किए गए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र पंचायत सदस्य के 186, ग्राम प्रधान के 156 और ग्राम पंचायत सदस्य के 14,179 रिक्त पदों पर हुए उप चुनाव के नतीजे भी घोषित किए गए। श्रावस्ती की रामपुर देवमन और खैरी तराई ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान का पद रिक्त रहा है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सदस्य के 6,384 पद रिक्त रहे हैं।