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ई-रिक्शा चालक की मौत के तीन दिन बाद भी परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचे अधिकारी

नगर निगम की लापरवाही के कारण ई-रिक्शा चालक की मौत ने एक परिवार को तोड़ के रख दिया हैं। घर का एक कमाने वाला ही चला गया तो रोटी का क्या आसरा रहेगा। 3 दिन बीत जाने के बाद भी कोई जनप्रितिनिधि या अधिकारी नहीं पहुंचा।

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एक सेवा ट्रस्ट ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। ट्रस्ट ने वादा किया है कि परिवार की मासिक आर्थिक सहायता और बेटियों की पढ़ाई और शादी का खर्च वह उठाएगा।

जयंतीपुर की नेता कॉलोनी में टूटी पुलिया में गिरने से ई-रिक्शा चालक की जान चली गई थी। चालक सुतेंद्र की मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पीड़ित परिवार को उम्मीद थी कि इस हादसे के जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी या जनप्रतिनधि कोई तो आकर उनकी पीड़ा सुनेगा, उनकी तरफ मदद के हाथ बढ़ाएगा। मगर शुक्रवार को भी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि पीड़ित परिवार को मदद तो दूर सांत्वना देने नहीं तक पहुंचा। सुतेंद्र की पत्नी सरोज को इस बात का मलाल है कि कोई अधिकारी या नेता उनकी सुध लेने नहीं आया।

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राधा गोविंद सेवा ट्रस्ट ने परिवार की मदद को हाथ बढ़ाए हैं। ट्रस्ट के वरिष्ठ ट्रस्टी रोहताश सपरा ने बताया कि उन्हें सुतेंद्र के परिवार के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने पीड़ित परिवार से संपर्क कर परिजनों को दिलासा दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दुुख की घड़ी में ट्रस्ट उनके साथ है। उन्होंने परिजनों से कहा कि वे पीड़ित परिवार को एक हजार रुपये महीना या घर का जरूरी सामान उपलब्ध कराएंगे। दोनों बेटियों को पढ़ाने लिखाने का खर्च भी ट्रस्ट उठाने को तैयार है। उनके ट्रस्ट द्वारा बेटियों का सामूहिक विवाह कराया जाता है। यदि परिजन चाहेंगे तो बड़ी होने पर परिवार की दोनों बेटियों की शादी का जरूरी खर्च वह उठाएंगे।

निर्माण विभाग ने शुरू किया पुलिया को बनाने का काम

जंयतीपुर की नेता कॉलोनी में टूटी पुलिया का निर्माण कार्य शुरू कराने का दावा नगर निगम ने किया है। संबंधित जेई का कहना है कि पुलिया पर काम शुरू कराया गया है, लेकिन नाले में पानी अधिक होने की वजह से काम करने में परेशानी आ रही है। इसलिए दो दिन में पानी का स्तर गिरने पर काम फिर से शुरू करा दिया जाएगा।

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निर्माण विभाग के जेई अखिलेश पाल सिंह ने घटना के बाद आपात परिस्थितियों के चलते इस पुलिया को बनाने का काम शुरू कराया है। टूटी पुलिया के दोनों तरफ बल्ली लगाने के बाद काम रोक दिया गया है। नाले के अंदर से टूटी पुलिया की सफाई कर काम शुरू किया था, लेकिन नाले में पानी अधिक होने की वजह से काम में परेशानी आ रही है। इसलिए पानी का बहाव कम होने पर एक दो दिन में काम शुरू करा दिया जाएगा। हादसे के बाद आनन-फानन उठाए इस कदम ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। यदि निगम प्रशासन ऐसी तत्परता पहले ही दिखा देता तो शायद सुतेंद्र की जान न जाती।

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इस घटना की जांच जारी है। घटना स्थल का निरीक्षण और संबंधित पत्रावलियों को देखा गया है। जांच अंतिम चरण में हैं। दो दिन में अपनी जांच रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप देंगे।

– एसके सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम

परिवार को नौकरी व मुआवजे की मांग

सुतेंद्र की मौत के मामले में अखिल भारतीय आंबेडकर युवक संघ ने नगर निगम को दोषी ठहराते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस करने की मांग उठाई है।

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संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि संघ के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में जाकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय में दिया है। इसमें बताया गया है कि पुलिया की हालत काफी जर्जर थी। पार्षद ने दो बार पहले भी पत्र देकर इसे बनवाने की मांग की थी। इस मामले में लापरवाही हुई है और इसी लापरवाही से एक बेकसूर व्यक्ति की जान चली गई। इस घटना के लिए जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की जान गई है। इसलिए सरकार को इस परिवार के विषय में सोचना चाहिए। मृतक की बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार ले, निगम में परिवार के सदस्य को नौकरी, 10 लाख का मुआवजा तुरंत मिलना चाहिए। ज्ञापन पर मुकेश गौतम, हरपाल सिंह, चंद्रलाला, मुन्ना लाल के हस्ताक्षर थे।

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