गोरखपुर के दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टीकाकरण करने वाला राज्य है। अब तक 01 करोड़ 37 लाख 22 हजार 160 डोज लगाए जा चुके हैं। 18-44 आयु वर्ग के 01 लाख 17 हजार 327 लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है।
सोमवार से 11 नए जिलों सहित कुल 18 जनपदों में 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण होने लगेगा। इस दौरान सीएम योगी ने अधिकारियों को कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी नागरिकों को वैक्सीन का सुरक्षा कवर प्रदान करने की बात कही।
वैक्सीन वेस्टेज को शून्य रखें
उन्होंने अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वैक्सीन वेस्टेज को शून्य रखने के लक्ष्य के प्रति सतर्क रहें। इसके लिए ऑनलाईन पंजीयन व्यवस्था पर बल दिया जा रहा है। पंजीयन करवाने वालों से एक-दो दिन पूर्व संपर्क कर लिया जाए।
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जनप्रतिनिधियों को भी सिखाया सबक
उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि लोगों के उत्साहवर्धन के लिए जनप्रतिनिधि गण भी आगे आएं। टीकाकरण केंद्रों पर व्यवस्था का निरीक्षण करें। लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करें। सोशल मीडिया का उपयोग कर इसे आसानी से किया जा सकता है। कार्यकर्ताओं से संपर्क कर भी इस पुण्य कार्य को गति दें।
चिकित्सकीय मानव संसाधन की हो रही व्यवस्था
उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत चिकित्सकीय मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए नियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। मेडिकल-पैरामेडिकल अंतिम वर्ष इंटर्न प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके युवा, सेवानिवृत्त अनुभवी लोगों की सेवाएं ली जानी चाहिए। इस संबंध में चयन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री स्तर से इसकी विस्तृत समीक्षा कर ली जाए।
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जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता बनाये रखें
सुनिश्चित उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेमडीसीवर सहित अन्य सभी जीवन-रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। भारत सरकार ने 16 मई तक के लिए 04 लाख 95 हजार वॉयल आवंटित किए गए हैं। सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम व सीएमओ द्वारा इन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है।
इन्हें बनाया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी और सीएमओ को इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि डीएम-सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित रहे। यह सबकुछ चिकित्सकीय दल की उपस्थिति में होना चाहिए। प्रदेश के हर नागरिक का जीवन कीमती है और उसके साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।