राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को राजभवन में डाॅ. भीमराव अंबेडकर की जयन्ती के अवसर पर 100 से अधिक निर्धन बच्चों को स्कूल बैग एवं डॉ. अंबेडकर से सम्बन्धित पुस्तकें वितरित कीं।
इस मौके पर राज्यपाल मौर्य ने कहा कि बच्चों को संविधान रचियता बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। जिस प्रकार डाॅ. भीमराव अंबेडकर ने जीवन में विभिन्न बाधाओं एवं सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हुये उपलब्धियां हालिस कीं, वह सभी के लिये प्रेरणादायक हैं।
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मौर्य ने कहा कि शिक्षा ही वह सबसे बड़ा हथियार है जिसके माध्यम से सभी प्रकार की सामाजिक चुनौतियों एवं विषमताओं को समाप्त किया जा सकता है। बच्चे बड़े सपने देखें तथा अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम एवं लगन से कार्य करें। बच्चों को बाबा साहब की पुस्तकें पढ़नी चाहिये तथा उनके विचारों को जानना चाहिये। राज्यपाल मौर्य ने कहा कि बच्चों को समाजसेवा के कार्यों में रुचि लेनी चाहिये। निर्धनों एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिये।
इस अवसर पर सचिव राज्यपाल बृजेश कुमार सन्त ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने अपने जीवन में सामाजिक भेदभाव की अमानवीय स्थितियों का सामना किया था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और शिक्षा के बलबूते पर तरक्की और प्रतिष्ठा हासिल की।
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डॉ. अंबेडकर ने शिक्षा के बुनियादी महत्व पर बहुत जोर दिया था। संवैधानिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षा का प्रसार होना अनिवार्य है। कार्यक्रम में समाजसेवी राहुल सोनकर, दीपक चौहान तथा राजभवन के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।