अवैध धर्मांतरण प्रकरण में जांच एजेंसियों को धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के प्रमाण मिले हैं। मामले में नापाक विदेशी फंडिंग और टेरर फंडिंग के भी एजेंसियों को प्रमाण मिले हैं।
बता दें पूरे मामले की सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सीएम योगी ने एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दे़श की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें।
जांच में धर्मांतरित मूक-बधिर बच्चों का जेहादी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने के भी सुराग मिले हैं। धर्मांतरण गिरोह के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के प्रमाण मिले हैं। सीएम योगी खुद इस धर्मांतरण प्रकरण की मानीटरिंग कर रहे हैं।
टीचरों के माध्यम से धर्मांतरण की शुरुआत
अभी तक की जांच में सामने आया है कि धर्मांतरण का मास्टरमाइंड उमर गौतम दे़श के 24 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में धर्मांतरण करा चुका है। एजेसियों को इसके पुख्ता प्रमाण मिले हैं। ये भी पता चला है कि वह हिंदू ही नहीं ईसाई, जैन और सिख परिवारों के बच्चों का भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण करा चुका है। मूक बधिर बच्चे खासतौर पर निशाने पर थे। इन बच्चों को अलग तकनीकी से पढ़ाने के लिए धर्मांतरण गिरोह ने अपने टीचर प्लांट कर रखे थे। ये टीचर ही धर्मांतरण की बुनियाद खड़ी करते थे। दिल्ली के बाटला हाऊस को उमर गौतम ने अपनी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनाया था।
गिरफ्तार उमर गौतम लखनऊ की संस्था का VP
बता दें मामले में गिरफ्तार उमर गौतम से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। उमर गौतम लखनऊ से संचालित हो रही एक और संस्था का पदाधिकारी है। वह लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन का वाइस प्रेसिडेंट है। उमर गौतम अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन लखनऊ में मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में स्कूल चल रहा है। दसवीं तक सीबीएसई बोर्ड के इस स्कूल में 500 बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का भी दावा किया जाता है।