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माइग्रेन मरीजों के लिए घातक है नमक का अधिक सेवन

लाइफ़स्टाइल डेस्क। माइग्रेन का दर्द कितना कष्टदायी होता है, यह सिर्फ उसे झेलने वाले लोग की समझ सकते हैं। न केवल सिरदर्द, बल्कि बड़ी संख्या में मरीजों को उल्टी, मिचली और रोशनी-ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि नमक का नशा माइग्रेन का दर्द उभार सकता है। चॉकलेट-चीज का सेवन भी माइग्रेन पीड़ितों के लिए ठीक नहीं। अमेरिका स्थित मेमोरियल केयर ऑरेंज कोस्ट मेडिकल सेंटर के तंत्रिका तंत्र विशेषज्ञों ने ऐसी खाद्य वस्तुओं की सूची जारी की है, जिनसे दूर रहने में ही माइग्रेन पीड़ितों की भलाई है।

संकट

-माइग्रेन सबसे आम बीमारियों की सूची में 03 नंबर पर है।

-01 अरब से अधिक लोग दुनियाभर में माइग्रेन से जूझ रहे

-यह रोग 90 फीसदी पीड़ितों को पूर्वजों से विरासत में मिलता है

-माइग्रेन का दर्द 04 से लेकर 72 घंटे तक परेशान कर सकता है

इन सात चीजों की अति बुरी है…

1.नमक

-ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन करने से रक्तचाप में वृद्धि की शिकायत पनप सकती है, जो माइग्रेन का दर्द उभारने के लिए जिम्मेदार है। स्वस्थ वयस्कों को दिनभर में छह ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए।

2.कैफीन

-खून में ‘एडिनोसिन’ का स्तर बढ़ाकर माइग्रेन के दर्द को जन्म देते हैं कैफीन युक्त खाद्य-पेय पदार्थ। विशेषज्ञों की मानें तो दिनभर में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन सिर में असहनीय दर्द का सबब बन सकता है।

3.शराब

-शराब, खासकर रेड वाइन में मौजूद सल्फाइट और टैनिन जैसे यौगिक माइग्रेन पीड़ितों के लिए घातक। 2018 में हुए एक शोध में 35% प्रतिभागियों में शराब का सेवन माइग्रेन का दर्द उभारने के लिए जिम्मेदार मिला था।

4.मोनोसोडियम ग्लूटामेट

-आम भाषा में अजीनोमोटो कहलाने वाला मोनोसोडियम ग्लूटोमेट ‘नाइट्रिक ऑक्साइड’ के स्त्राव को बढ़ावा देता है। इससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह तेज होता है और व्यक्ति को तेज सिरदर्द का सामना करना पड़ता है।

5.चॉकलेट

-कैफीन और बीटा-फिनायलिथामाइन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। मस्तिष्क में मौजूद नसों को चौड़ा बनाकर खून का प्रवाह तेज करते हैं ये दोनों तत्व। मरीज को सिर में अहसनीय दर्द और मिचली जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।

6.फ्रोजन खाद्य सामग्री

-फ्रोजन खाद्य सामग्री का रंग और स्वाद बनाए रखने के लिए उनमें नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। ये प्रिजर्वेटिव माइग्रेन का दर्द उभारने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार पाए गए हैं।

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