नियमित रूप से कसरत करने के कई फायदे हैं, इसलिए फिजिकल ऐक्टिविटी को नजरअंदाज करने का तो मतलब ही नहीं बनता, अत्यधिक कसरत करने का हमारे शरीर पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है। खासतौर से आपकी उर्वरता यानी फर्टिलिटी कम होती है, फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। डॉ. पार्थ जोशी का कहना है कि अक्सर महिलाओं में एक खास तरह की स्थिति पैदा हो जाती है, जिसे एमेनोरिया यानी रजोरोध कहते हैं। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब एक सामान्य स्त्री को लगातार 3 महीने से ज्यादा वक्त तक सही तरीके से माहवारी नहीं हो पाती है। कई महिलाओं में यह स्थिति इस वजह से पैदा होती है, क्योंकि वह शरीर को जरूरी कैलरीज प्रदान करने वाली चीजों का सेवन किए बिना ही जिम में नियमित रूप से एक्सर्साइज करती हैं। शरीर में कैलरी की कमी का सीधा असर न केवल उर्वरता पर पड़ता है, बल्कि महिलाओं की यौन इच्छा पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
ज्यादा वर्कआउट करने से गर्भधारण में दिक्कत
इसके अलावा मोटापे के चलते शरीर में ऐस्ट्रोजन हॉर्मोन का प्रॉडक्शन बढ़ जाता है, जो स्त्री प्रजनन प्रणाली से जुड़े डिंब उत्सर्जन और माहवारी को प्रभावित करता है और उसके चलते बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। कुछ मामलों में कम उम्र की महिलाएं भी इस लेवल तक वर्कआउट करती हैं कि जिससे उनका ऐस्ट्रोजन लेवल ऐसे मुकाम तक पहुंच जाता है, जो उनके माहवारी चक्र में बाधा डालता है और अत्यधिक कसरत का उनके शरीर पर नकारात्मक असर पड़ने लगता है, जो उनकी उर्वरता को भी प्रभावित करता है। अगर ऐस्ट्रोजन के स्तर में ज्यादा बदलाव हो तो गर्भधारण करने में भी दिक्कतें हो सकती हैं।
पुरुषों में स्पर्म की संख्या में कमी
डॉ.पार्थ जोशी का कहना है कि इसी तरह पुरुषों में हेवी ट्रेनिंग सेशन के कारण शरीर में शुक्राणु यानी स्पर्म की संख्या में कमी आ सकती है, जो सीधे तौर पर उनकी उर्वरता से जुड़े होते हैं। कई ऐसे लोग हैं, जो अपनी बॉडी को मेंटेन करने के लिए लंबे समय से कठिन ट्रेनिंग सेशंस को फॉलो करते हैं। अगर आप अत्यधिक थका देने वाली और कठिन ट्रेनिंग से गुजरते हैं, तो फिर इस बात की संभावना ज्यादा है कि आपके शरीर में उन लोगों के मुकाबले स्पर्म की संख्या में ज्यादा कमी आ गई होगी जो लोग सामान्य ट्रेनिंग सेशन को फॉलो करते हैं।
रीप्रॉडक्शन की क्षमता में कमी
लंबे समय तक थका देने वाली कठिन एक्सर्साइज करने से न केवल स्पर्म की संख्या घट जाती है बल्कि रीप्रॉडक्शन की क्षमता में भी कमी आ सकती है। साथ ही हेवी रेजिस्टेंस ट्रेनिंग आपको फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान भी पहुंचा सकती है, क्योंकि इससे शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन बढ़ता है, जो पुरुषों में फर्टिलिटी को बढ़ाने के काम आने वाले अन्य हॉर्मोन्स पर प्रतिकूल असर डालता है और इसके चलते आपकी फीमेल पार्टनर को गर्भधारण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।