लखनऊ। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने बिल पास करने के एवज में 10 हजार की रिश्वत लेने वाले लोनिवि के तत्कालीन अधिशासी अभियंता देशराज गौतम को चार साल की सजा सुनायी है। अदालत ने आरोपित पर 50 हजार का जुर्माना भी ठोंका है।
यह घटना सात सितंबर, 2000 की है। उस समय अभियुक्त जालौन के उरई में खंड-2 में तैनात था। सरकारी वकील डीसी यादव के मुताबिक, इसके खिलाफ ठेकेदार जितेंद्र सिंह ने शिकायत दर्ज करायी थी। यह ठेकेदार का एक लाख 14 हजार 847 रुपये का बिल पास करने के एवज में उससे 10 हजार की रिश्वत मांग रहा था।
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उनकी इस शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने अभियुक्त को रिश्वत की इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।