मध्य प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में रामपुरा आगूचा गांव स्थित हिंदुस्तान जिंक की भूमिगत खदान में विस्फोट के दौरान मलबा गिरने से दबकर दो श्रमिकों की मौत हो गई।
मलबे में दबे हुए श्रमिकों को बाहर निकालकर भीलवाड़ा के राजकीय महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों श्रमिकों के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है, जिनका आज पोस्टमार्टम होगा।
मिली जानकारी के अनुसार गुलाबपुरा के पुलिस उप अधीक्षक लोकेश मीणा ने बताया कि रामपुरा आगूचा स्थित हिंदुस्तान जिंक की भूमिगत खदान में विस्फोट किया जा रहा था । इसी दौरान ठेका कंपनी एएसी के दो श्रमिक के ऊपर मलवा गिर गया श्रमिकों के मलबे में दबे होने की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया । तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे श्रमिकों को बाहर निकाला गया। दोनों को घायल अवस्था में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया , जहां चिकित्सकों ने परीक्षण कर उन्हें मृत घोषित कर दिया
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मृतक श्रमिकों की पहचान भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर उपखंड के टिटोडा गांव के जीत राम जाट और नेपाल के रहने वाले खेम बहादुर के रूप में हुई है। श्रमिकों की मौत की सूचना उनके परिजनों को दी है । दुर्घटना की सूचना मिलते ही गुलाबपुरा के एसडीएम विकास मोहन भाटी पुलिस उप अधीक्षक लोकेश मीणा और थाना अधिकारी थाना अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का मुआयना कर पुलिस ने जांच शुरू की है। वहीं दुर्घटना की सूचना मिलते ही ठेका कंपनी एएसी और हिंदुस्तान जिंक के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे।
इधऱ दो मजदूरों की मौत के कारण अन्य मजदूरों में भी आक्रोश उपज गया है। हिंदुस्तान जिंक आगुचा माइनस के गेट के बाहर बड़ी संख्या में श्रमिक इकट्ठा होकर मुवावजे की मांग कर रहे है। यह स्थिति देख हिंदुस्तान जिंक खान के मुख्य द्वार परभारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
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दूसरी ओर हिंदुस्तान जिंक मैनेजमेंट ने अपनी खदान में विस्फोट से इनकार करते हुए कहा कि खदान के एक एरिया में सुरंग की खुदाई की तैयारी के दौरान अचानक श्रमिकों पर मलबा गिर गया। इस पर हिंदुस्तान जिंक की रेस्क्यू टीम ने मलबे में दबे हुए दोनों लोगों को बाहर निकाला। दोनों को तत्काल प्राथमिक उपचार देने के बाद भीलवाड़ा के जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। हिंदुस्तान जिंक प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने की भी बात तो कही है। मगर विस्फोट के दौरान खान में अपनाए जाने वाले सुरक्षा इंतज़ाम के बाद मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत केसे हुई, यह सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल खड़ा करते है।