जीएसटी परिषद ने काेरोना के उपचार में मददगार दवाओं पर दी गयी जीएसटी छूट की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाने के साथ ही कैंसर की कुछ दवाओं और कई अन्य उत्पादों एवं वस्तुओं पर जीएसटी दरों में घटबढ़ की गयी है।
कोरोना के कारण 18 महीने के बाद पहली हुयी जीएसटी की 45वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक में गुजरात को छोड़कर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ ही वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मॉैजूद थे। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी हिस्सा लिया। कोविड-19 महामारी के बाद आमने-सामने बैठकर हुई यह परिषद की पहली बैठक थी। इस तरह की आखिरी बैठक 20 महीने पहले 18 दिसंबर 2019 को हुई थी। उसके बाद से परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो रही थी। लखनऊ में परिषद की बैठक पहली बार आयोजित की गयी थी।
बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददताओं को बताया कि काेरोना उपचार में मददगार दवाओं पर दी गयी जीएसटी छूट की अवधि को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी गयी है। इसके साथ ही परिषद ने कई और दवाओं को भी इसके दायरे में लाने का निर्णय लिया है और कुछ दवाओं पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। डीआरडीओ द्वारा विकसित 2 डीओक्सी डी ग्जूकोज के साथ ही ईटोलिजूम्ब, पोसाबोनाजोल, इंफ्लिक्सींब, बाम्लानिविंब, फैविपैराविर आदि दवाओं पर भी जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत उपचार के लिए 16 करोड़ रुपये मूल्य वाली दवायें जोल्गेंस्मा और विल्टेप्सो को स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया गया है। ये बहुत खास दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। मस्कुलर एट्रॉफी के इलाज में काम आने वाली दवाओं को भी आईजीएसटी में छूट देने का फैसला किया गया है। यह छूट व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयात की जाने वाली दवाओं पर मिलेगी। कैंसर संबंधी दवाओं जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है।
श्री सीतारमण ने कहा कि लीज पर लेने के लिए विमानों के आयात पर आईजीएसटी नहीं लगेगा। काउंसिल ने साथ ही रेलवे पार्ट और लोकोमोटिव्स पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया है। तेल कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए बायोडीजल की आपूर्ति पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। जीएसटी काउंसिल ने गुड्स कैरीज के लिए राज्यों द्वारा ली जाने वाली नैशनल परमिट फीस पर जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। जोमैटो और स्विगी जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों पर जीएसटी लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि इन पर कोई नया टैक्स नहीं है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि दिव्यांगों के लिए वाहनों में लगने वाले रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी की दर अब पांच प्रतिशत कर दी गयी है। इस तरह से आईसीडीएस जैसी परियोजनाओं में आपूर्ति किये जाने वाले फोर्टिफाइड राइस केर्नेल्स पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत, लौह अयस्क , लौहा, तांबा, अल्युमिनियम जिंक और कुछ अन्य उत्पादों पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। नवीनीकरणीय ऊर्जा के विशेष उपकरण और पार्ट्स पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत, कार्टन, बाँक्स, बैग, पेपर आदि के पैकिंग कंटेनर पर भी 12 और 18 प्रतिशत की दर को एकसमान 18 प्रतिशत कर दिया गया है। प्लास्टिक के अवशेष आदि पर भी जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। सभी तरह के कलम पर जीएसटी को 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर को एक समान 18 प्रतिशत कर दिया गया है। रेलवे के कलपुर्जे, लोकोमोटिव और इससे जड़े अन्य उपकरणों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। भारत बंगलादेश सीमा पर स्थित हाटों पर आपूर्ति किये जाने वाले उत्पादों पर आईजीएसटी को शून्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि गैर पंजीकृत व्यक्तियों से मेंथा की आपूर्ति पर अब रिवर्स शुल्क लगेगा। इसके साथ ही परिषद ने मेंथा तेल का निर्यात सिर्फ एनयूटी के आधार पर करने का भी सुझाव दिया है। एक अप्रैल 2022 से ईंट को अब 20 लाख रुपये तक विशेष कंपोजिशन स्कीम के दायरे में लगाया जायेगा। बगैर आईटीसी के इस पर छह प्रतिशत जीएसटी लगेगा और आईटीसी के साथ यह दर 12 प्रतिशत होगी। फुटवेयर और वस्त्र के लिए इंवर्टेड ड्यूटी को लागू किया गया है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जहाज और विमान से भारत से विदेश माल परिवहन को जीएसटी छूट की अवधि एक वर्ष बढ़ा दी गयी है जो अब 30 सितंबर 2022 हो गयी है ।
उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण पर जहां सरकार 75 फीसदी या अधिक राशि व्यय कर रही पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कमकर शून्य कर दिया गया है। एशियन फेडरेशन कप महिला एशिया कप 2022 से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर शून्य कर दिया गया है। लाइसेंसिंग सेवा या मूल फिल्म के प्रसारण , साउंड रिकार्डिंग , रेडियो और टेलीविजन पर सेवा शुल्क को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। रिकार्डेड मीडिया की प्रिटिंग और पुन: प्रोडक्शन पर भी जीएसटी को रंगीन प्रिंटिंग या डिजिटल मीडिया की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे कर दिया गया है। भारतीय रेलवे को आईआरएफसी द्वारा राॅलिंग स्टाक की लीजिंग पर छूट को समाप्त कर दिया गया है।
अब एक जनवरी 2022 से किसी भी मोटर वाहन से यात्री परिवहन पर जीएसटी लगेगा। इसी तरह से एक जनवरी 2022 से रेस्ट्रोरेंट में खाना भी महंगा हो जायेगा।