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महाकुम्भ में होगी आंखों की जांच, घर के पास पसंद के अस्पताल में करा सकेंगे ऑपरेशन

Netra Kumbh will be established in MahaKumbh Mela

Netra Kumbh will be established in MahaKumbh Mela

महाकुम्भनगर। तीर्थराज प्रयागराज में संगम के पावन तट पर 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ (Maha Kumbh) में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए जुटने वाले हैं। योगी सरकार की ओर से इन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में महाकुम्भ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के नेत्रों (आंखों) के स्वास्थ्य को लेकर भी यहां नेत्र कुम्भ की स्थापना की जा रही है। 9 एकड़ में बन रहे इस नेत्र कुम्भ में पहली बार एक साथ 5 लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच और 3 लाख चश्मों के वितरण का दावा किया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि यहां जांच कराने वाले ऐसे नेत्र रोगियों को जिन्हें ऑपरेशन की आवश्यकता है, उन्हें उनके घर के पास स्थित नेत्र चिकित्सालय में निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए नेत्र कुम्भ की ओर से देश भर के 150 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया गया है। यानी रोगी अपनी आंखों की जांच महाकुम्भ (Maha Kumbh) में आकर कराएंगे और ऑपरेशन अपने घर जाकर।

150 अस्पतालों के साथ किया करार

नेत्र कुम्भ की आयोजन कमेटी के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस महाकुम्भ (Maha Kumbh) में पहली बार ये व्यवस्था की जा रही है कि डॉक्टर्स जिस मरीज को भी ऑपरेशन के लिए रेफर करेंगे, वह अपने जिले या घर के करीब स्थित अस्पताल में जब चाहे ऑपरेशन करा सकता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर निरीक्षण के बाद एक एक रेफरल कार्ड देंगे, जिसकी एक कॉपी संबंधित अस्पताल को जाएगी और दूसरी कॉपी नेत्र कुम्भ की आयोजक संस्था ‘सक्षम’ के कार्यकर्ता को जाएगी। इसके बाद सक्षम कार्यकर्ता या मरीज कोऑर्डिनेट करके अपने रहने के स्थान पर सुविधानुसार निशुल्क ऑपरेशन सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि मरीजों के ऑपरेशन के लिए देश भर के 150 छोटे-बड़े अस्पतालों को इम्पैनल किया गया है। संबंधित मरीज मेले के दौरान या मेले के बाद भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अनुमान है कि नेत्र कुम्भ से 50 हजार लोगों को ऑपरेशन कार्ड प्रदान किए जा सकते हैं।

5 लाख लोगों की आंखों की जांच का बनेगा रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ (Maha Kumbh) सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इसमें देश भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं। उनकी सुविधा को देखते हुए इस नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का नेत्र कुम्भ के रूप में आयोजन किया जा रहा है। इस नेत्र कुम्भ में भारतीय सेना के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं निःशुल्क देंगे। यहां आने वाले मरीजों को निशुल्क निरीक्षण के साथ ही निशुल्क दवाएं और निशुल्क जलपान की भी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि नेत्र कुम्भ का आयोजन पहली बार 2019 में किया गया था। तब से लेकर अब इसके स्केल में दोगुना से अधिक वृद्धि हो चुकी है। 2019 कुम्भ के दौरान 1.5 लाख लोगों को चश्मा और 3 लाख लोगों की जांच के साथ हमने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बनाया था।

इस बार यह नेत्र कुम्भ पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ने जा रहा है। संख्या की दृष्टि से यह भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी किसी आयोजन में नेत्र रोगियों की जांच और चश्मा वितरण का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा। इस आयोजन में हमारी सहयोगी संस्थाओं के साथ ही मेला प्रशासन की ओर से भी योगदान दिया जा रहा है।

प्रतिदिन 40 डॉक्टर्स की टीम रहेगी मौजूद

नेत्र कुम्भ की मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि इस नेत्र कुम्भ का आयोजन सेक्टर 6 में स्थित नागवासुकि मंदिर के सामने मेला क्षेत्र में होने जा रहा है। इसका उद्देश्य जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्या में आंखों की रोशनी खोने वालों की मदद करना है। नेत्र कुम्भ 12 जनवरी से मेला क्षेत्र में शुरू होगा, जो 26 फरवरी तक प्रतिदिन (प्रमुख स्नान पर्व को छोड़कर) चलता रहेगा।

इसमें नेत्र संबंधित समस्याओं से ग्रसित लोग आ सकते हैं और यहां पूरी व्यवस्था निशुल्क रहेगी। करीब 150 डॉक्टर्स बाहर से आकर यहां पर अपनी सेवाएं देंगे, जबकि करीब 400 डॉक्टर्स यहां 45 दिन तक उपस्थित होंगे। इनमें प्रति दिन 40 डॉक्टर्स ओपीडी का हिस्सा बनेंगे। वहीं 500 से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट रहेंगे, जिनमें 100 प्रतिदिन सेवाएं प्रदान करेंगे।

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कुल मिलाकर प्रतिदिन 200 डॉक्टर्स, ऑप्टोमेट्रिस्ट और अन्य वालंटियर्स नेत्र रोगियों की सेवा में मौजूद रहेंगे। नेत्र ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक चलेगी, जिसे बढ़ाकर शाम 4 बजे तक किया जा सकता है।

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