लाइफ़स्टाइल डेस्क। क्या आपका बच्चा फेसबुक, इंस्टाग्राम या स्नैपचेट का इस्तेमाल किए बना नहीं रह पाता? अगर हां तो ज्यादा परेशान मत होइए। ब्रिटेन में 74 हजार किशोरों पर हुए एक अध्ययन में सोशल मीडिया को मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिहाज से उतना भी घातक नहीं पाया गया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक फेसबुक पर बच्चा अपनी छवि, रंग-रूप और रहन-सहन को लेकर थोड़ा सजग जरूर हो सकता है, लेकिन अगर मां-बाप नियमित रूप से बात करें तो उसमें हीन भावना पैदा होने की गुंजाइश घट जाती है।
कई किशोरों में तो सोशल मीडिया दोस्तों के संपर्क में रहने का मौका देकर तनाव, बेचैनी और आक्रामकता की शिकायत को घटाने में कारगर भी मिला है।