नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत की। इसके तहत तीन सुविधाएं शुरू की गई हैं जो फेसलेस मूल्यांकन, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर हैं। इनमें दो शुरू हो गई है और फेसलेस अपील 25 सितंबर से लागू होगी। कर विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल से पूरी कर व्यवस्था को पारदर्शी बनकार करदाताओं को राहत देने की तैयारी है। अगर, आपके मन में ये सवाल है आखिर फेसलेस मूल्यांकन या अपील की सुविधा कैसी काम करेगी और इसका क्या फायदा मिलेगा तो हम आपके सभी सवालो के जवाब यहां दे रहे हैं।
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फेसलेस मूल्यांकन में करदाता और कर अधिकारी को मिलने की जरूरत नहीं होगी। यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक मोड में काम करता है जो एक सॉफ्टवेयर के जरिये किया जाता है। इसमें आपको यह पता नहीं होता है कि कौन अधिकारी आपके टैक्स का मूल्यांकन करेगा। यहां तक कि असेसमेंट से निकली समीक्षा भी किस अधिकारी के पास जाएगा, ये भी पता नहीं होगा। इसका फायदा यह होगा कि आयकर अधिकारियों से जान पहचान बनाने और दबाव बनाने के हथकंडे भी नहीं चलेंगे। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी से भी बचा जा सकेगा। हालांकि, यह उन लोगों को नुकसान पहुंचाएगा जो कर अधिकारी से मिलकर टैक्स की चोरी करते हैं।
फेसलेस अपील सेवा 25 सितंबर से लागू होगी। इसके तहत करदाता जो अपील करेंगे वो देश के किसी कर अधिकारी को क्रमरहित तरीके से आवंटित किया जाएगा। इसके शुरू होने के बाद कर अधिकारी को भी पता नहीं चलेगा कि अपील करने वाला शख्स कौन है? सब कुछ कंप्यूटर से तय होगा। इसमें करदाता को आयकर विभाग के ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। अपील के बाद कई लोग मिलकर फैसला सुनाएंगे और उसके रीव्यू किया जाएगा। हालांकि, गंभीर धोखाधड़ी, बड़े कर चोरी, विदेशी टैक्स, काले धन आदि से जुड़े मामले में यह काम नहीं करेगा।
टैक्सपेयर चार्टर में एक तरह की सूची होगी जिसमें करदाताओं के अधिकार और कर्तव्य के अलावा कर अधिकारियों के लिए भी कुछ निर्देश होंगे। इसके जरिए करदाताओं और आयकर विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। इस चार्टर में करदाताओं की परेशानी कम करने और आयकर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की व्यवस्था होगी। इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों-अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया में ही यह लागू है। इसका मुख्य उद्देश्य करदाताओं के साथ कर अधिकारियों द्वारा उचित और स्नेह पूर्वक व्यवहार करना, करदाता को ईमानदारी से देखना और विभाग की ओर से निष्पक्ष और सही अपील के साथ रिव्यू की व्यवस्था उपलब्ध करना शामिल है।
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क्लियरटैक्स के संस्थापक और सीईओ, अर्चित गुप्ता ने बताया कि पारदर्शी कराधान व्यवस्था शुरू करने से सभी करदताओं के लिए नियम का अनुपालन करना आसान हो गया है। हालांकि, आने वाले समय में आयकर विभाग और कर अधिकारियों के काम करने की शैली पर इसकी सफलता निर्भर करेगी। इस पहल से न सिर्फ व्यक्तिगत करदाता बल्कि बिजनेस करने वालों को भी बड़ी राहत मिलेगी। इससे करोबारी रैंकिंग में भी सुधार होगा।