लखनऊ। प्रदेश सरकार ‘वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज’ के साथ प्रत्येक जनपद को चिकित्सीय सुविधाओं से लैस करने में जुटी है। साल 2022-2023 तक प्रदेश में लैब, CHC-PHC का कायाकल्प, पीकू नीकू की स्थापना, हेल्थ एटीएम जैसी सुविधाओं से यूपी चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है।
ऐसे में कोरोना मैनेजमेंट में नंबर वन होने के बावजूद भी योगी सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान देते हुए बजट में हेल्थ सेक्टर को ढेर सार सौगात दी है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) की सूरत जल्द ही बदलेगी।
योगी सरकार की रणनीति से अब स्वास्थ्य विभाग के लिए स्टाफ, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जैसी जांचों के उपकरण और दवाओं की कमी दूर करना अब ज्यादा आसान होगा। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 10,547.42 करोड़ रुपये से सीएचसी-पीएचसी स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा।
दस हजार की आबादी पर खुलेंगे सीएचसी (CHC)
एनएचएम के तहत जारी बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में नई सीएचसी, पीएचसी (CHC-PHC ) , उपकेन्द्र और हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटर भी खोले जाएंगे। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक, बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने की योजना बनाई गई है।
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इसके तहत 5 हजार की आबादी पर उपकेंद्र, 10 हजार से ज्यादा आबादी पर पीएचसी और इससे ज्यादा आबादी पर सीएचसी खोले जाएंगे। वहीं, गंभीर मामलों को ध्यान में रखते हुए 100 बेड के अस्पताल भी खोलने की योजना है।