लखनऊ। फैक्ट्री मालिक अविनाश सिंह हत्याकांड के 6 दिन बीत चुके हैं। लेकिन पुलिस हत्यारों को गिरफ्तार करना तो दूर, बल्कि उनका सुराग तक नहीं लगा सकी है। मृतक की गुमशुदगी पीजीआई थाने में दर्ज होने के कारण इस मामले की जांच भले ही पीजीआई थाने ट्रांसफर कर दी गई है।
गुमशुदगी भले ही पीजीआई थाने में दर्ज हो, लेकिन घटनास्थल सरोजनीनगर इलाके में होने के कारण यहां की पुलिस की किरकिरी हो रही है। सरोजनीनगर पुलिस इस घटना के खुलासे के लिए प्रयास में जुटी है। इसको लेकर सरोजनीनगर इलाके में अविनाश की फैक्ट्री से लेकर कानपुर रोड तक और सरोजनीनगर से बंथरा तक कानपुर रोड किनारे लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर सरोजनीनगर पुलिस खुद खंगालने में जुटी है।
अभिनेता राजपाल ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, कहा- संगम न माने जाति धर्म
शुक्रवार को भी इसको लेकर सरोजनीनगर पुलिस, क्राइम ब्रांच टीम और एसटीएफ की टीम पूरे दिन यहां डीवीआर खंगालती रही। वहीं इस मामले में कुछ संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है। उनसे सरोजनीनगर थाने पर रखकर पूछताछ की जा रही है।
हालाकि पुलिस सूत्रों की माने तो इस घटना को लेकर अभी तक मृतक के फैक्ट्री साझेदारों के अलावा फैक्ट्री मजदूरों और मृतक के करीबियों से पुलिस कई बार पूछताछ कर चुकी है। पुलिस की शक की सुई मृतक के करीबियों पर ही घूम रही है।
कुख्यात अपराधी अमरपाल की साढ़े छह लाख रूपये की अवैध संपत्ति कुर्क
ज्ञात हो कि सोनभद्र जिले के ओबरा निवासी अविनाश सिंह (38) अपनी पत्नी निधि कटियार और 5 माह के मासूम बेटे के साथ पीजीआई इलाके के रायबरेली रोड स्थित वृंदावन योजना सेक्टर- 4 में रहकर सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र में दो अन्य लोगों के साथ मिलकर नमकीन की फैक्ट्री चलाते थे। अविनाश बीते शनिवार 30 जनवरी शाम फैक्ट्री से घर के लिए अपनी कार से निकले, लेकिन घर नहीं पहुंचे।
अगले दिन अविनाश का शव सरोजनीनगर में दरोगा खेड़ा स्थित पिनवट की तरफ जाने वाली नहर के पास जंगल में शीशम के पेड़ में मफलर के फंदे से लटकता मिला था।