डॉक्टर (Doctors) को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है, लेकिन हकीकत में वे भी इंसान ही होते हैं, जो दर्द और तकलीफ़ महसूस करते हैं। 12-12 घंटे की शिफ्ट, इमरजेंसी कॉल पर तुरंत अस्पताल पहुंचना और मरीजों के दुख-संवेदना का असर उनकी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है।
इसी वजह से अब डॉक्टरों (Doctors) की मानसिक सेहत पर ध्यान देने के लिए फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने देशभर के डॉक्टरों, रेजिडेंट्स और मेडिकल छात्रों के लिए मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन शुरू की है। इस पहल में नागपुर के डॉ. साजल बंसल (GMCH) और डॉ. अक्षय डोंगारदिवे (IGGMCH) शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर हेल्पलाइन शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैसे काम करेगी हेल्पलाइन?
– हेल्पलाइन के तहत देश के जाने-माने मनोचिकित्सकों (psychiatrists) के मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए गए हैं।
– डॉक्टर और छात्र इन नंबरों पर सीधे कॉल कर पाएंगे।
– मनोचिकित्सक दिन में 20 घंटे, पूरे हफ्ते उपलब्ध रहेंगे।
– पूरी गोपनीयता (confidentiality) बनाए रखी जाएगी ताकि कोई हिचकिचाहट न हो।
डॉक्टरों (Doctors) की मानसिक सेहत पर असर डालने वाले कारक
– अस्पतालों और क्लीनिकों में बढ़ती भीड़ और दबाव।
– मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट्स की लंबी शिफ्ट और बर्नआउट।
– आराम का कम समय और लगातार तनाव।
आत्महत्या के बढ़ते मामले – हाल ही में AIIMS नागपुर, गोंदिया और मुंबई के जेजे अस्पताल से गंभीर घटनाएँ सामने आईं।
मुफ्त में मिलेगी मदद
इस हेल्पलाइन को देशभर के लगभग 50 मनोचिकित्सकों का समर्थन प्राप्त है। सेवा पूरी तरह मुफ्त होगी और खासकर मेडिकल छात्रों व डॉक्टरों के लिए है। इस परियोजना का संचालन FAIMA अध्यक्ष डॉ. मनीष जांगड़ा, राष्ट्रपति डॉ. डोंगारदिवे और अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों के नेतृत्व में किया जा रहा है।
FAIMA ने कहा कि इस पहल से डॉक्टरों को समय पर मदद मिल सकेगी। “मानसिक स्वास्थ्य हर किसी का अधिकार है, लेकिन सालों तक डॉक्टरों की मानसिक सेहत की अनदेखी की गई। अब यह पहल उन्हें समय पर सहारा देने का काम करेगी।”