नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि पेड न्यूज से कहीं ज्यादा खतरनाक फेक न्यूज हैं । इस खतरे से निजात पाने के लिए डिजिटल सामग्री प्रकाशित करने से पहले उन्होंने स्वनियमन की आवश्यकता पर बल दिया।
उद्योग जगत के संगठन आईएएमएआई की ओर से आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में जावड़ेकर ने कहा कि फर्जी खबरों के मुकाबले पेड न्यूज बहुत ही हल्का है। फर्जी खबरों में शांति भंग करने की प्रबल ताकत होती है। सोशल मीडिया मंचों पर जनता की राय में छेड़छाड़ कर उसे दिखाना सार्वजनिक जीवन में एक गंभीर खतरे के रूप में उभरा है।
फ़ेक न्यूज़ से लोग गुमराह हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए हमें आगे आना होगा। दुनिया भर में भी इसके लिए आज #FakeNews अभियान चल रहे हैं: @IndianExpress द्वारा आयोजित 16 वें मार्केटिंग कॉन्क्लेव के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री @PrakashJavdekar pic.twitter.com/OIDxa0UtqG
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 27, 2020
फर्जी खबरों से दुनिया होती है प्रभावित
उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों से दुनिया भर के देश प्रभावित हुए हैं। बहुत से देश इसके खतरे से निपटने के लिए कदम भी उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वनियमन की एक व्यवस्था होनी चाहिए नहीं तो इसके दुष्प्रभावों से कोई नहीं बच सकेगा। यह सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। हर क्षेत्र में इसका दुष्प्रभाव होगा। फर्जी खबरें पेड न्यूज से कहीं ज्यादा खतरनाक है और हमें इसका सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल सामग्री अखबारों के प्रिंट संस्करणों से अधिक शक्तिशाली हो गए हैं। व्हाट्सएप जैसे मंचों से इधर एक संदेश जारी हुआ और उधर जो नुकसान होना था वह हो गया। जावड़ेकर ने आगे कहा कि पहले पत्र सूचना कार्यालय में हम खबरें पढ़ा करते थे और समाचार चैनलों की खबरों को देखते सुनते थे। हर शाम हम स्पष्टीकरण के लिए प्रेस विज्ञप्ति जारी किया करते थे। आज क्या है सुबह कोई एक ट्वीट कर देता है और आप इस पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं तो नुकसान हो जाता है। यह बिजली की गति से होती है।
फेक न्यूज के लिए गठित की गई यूनिट
उन्होंने कहा कि सरकार ने फर्जी खबरों की पहचान करने और उसके बारे में जनता को अवगत कराने के लिए अलग से एक इकाई गठित किया है। उन्होंने कहा कि हम निश्चित तौर पर फर्जी खबरों पर नजर बनाए हुए हैं। इसलिए अक्टूबर 2019 में हमने पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट का गठन किया है। हमने इसकी इकाई भी सभी राज्यों में स्थापित की है।