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फाल्गुन पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, मिलेगा मां लक्षमी का आशीर्वाद

Chaitra Purnima

Chaitra Purnima

ज्योतिष विद्या में फाल्गुन पूर्णिमा विशेष महत्व रखती है। फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) के दिन विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की आराधना की जाएगी। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है फाल्गुन पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इसलिए आइए जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा पूजन शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय-

पूर्णिमा (Purnima) व्रत का मुहूर्त:

पंचांग अनुसार, फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि मार्च 13, 2025 को शुक्रवार के दिन सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरु होगी, जो शनिवार, मार्च 14 2025 को दोपहर 12:23 बजे तक रहने वाली है। उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को मान्य होगी और इसी दिन पूर्णिमा व्रत और दान-स्नान किया जाएगा।

फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) पूजा-विधि:

फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और लक्ष्मी माता को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।

फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त 04:55 से 05:44
प्रातः सन्ध्या 05:20 से 06:32
अभिजित मुहूर्त 12:07 से 12:54
विजय मुहूर्त 14:30 से 15:18
गोधूलि मुहूर्त 18:26 से 18:51
सायाह्न सन्ध्या 18:29 से 19:41
अमृत काल 00:56, मार्च 15 से 02:42, मार्च 15
निशिता मुहूर्त 00:06, मार्च 15 से 00:54, मार्च 15

उपाय- पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रदेव की कृपा सदैव बनी रहती है। इससे मानसिक सुख-शांति भी बनी रहती है।

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