• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

परिवार, बिजनेस या राजनीति सभी के लिए मनुष्य की सबसे बड़ी शत्रु है ये एक चीज

Desk by Desk
20/07/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली, राष्ट्रीय
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य ने सफल जीवन जीने की कुछ नीतियां और विचार व्यक्त किए हैं। इन्हें जिसने भी अपने जीवन में उतारा उसका जीवन सफल है। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार मनुष्य की भूख पर निर्भर है।

“भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है।” आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में मनुष्य की भूख को उसका सबसे बड़ा शत्रु बताया है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन कोई और नहीं बल्कि उसकी भूख है। यहां पर भूख का मतलब आप सत्ता, बिजनेस, मकान या फिर पैसा किसी से भी जोड़कर देख सकते हैं। इन सभी की अति मनुष्य के विनाश का कारण बनती है।

 

असल जिंदगी में आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग पैसों के पीछे इतने भागते हैं कि उनका परिवार ही दांव पर लग जाता है। यहां तक कि उनके रिश्ते भी पैसों की भेंट चढ़ जाते हैं। फिर भी उस व्यक्ति को तसल्ली नहीं होती और वो तब तक उसके पीछे भागता रहता है जब तक उसके पास कुछ भी न बचें। ऐसा व्यक्ति पैसों की लालच में इस तरह गिरफ्त होता है कि उसे समझाने का भी कोई फायदा नहीं होता।

ये तो उदाहरण आपने पैसों का देखा। सत्ता की भूख भी इंसान को कई बार इस कदर गिरा देती है कि वो फिर उठने लायक ही नहीं रहता। सत्ता में परिवार की बागडोर हाथ में लेने से लेकर राजनीति सत्ता भी शामिल हैं। कुछ लोग यही चाहते हैं कि परिवार की पूरी सत्ता उनके हाथ में आ जाए। सभी फैसले उनसे पूछ कर लिए जाएं। ऐसा व्यक्ति इस भूख के पीछे इस कदर खुद को बर्बाद करता है कि वो सही और गलत दोनों का फर्क ही भूल जाता है।

यही हाल राजनीति के क्षेत्र में भी होता है। कई नेता राजनीति में अपने उसूलों से समझौता नहीं करते तो कुछ लोग समझौते के साथ राजनीति करते हैं। ऐसे लोग भी सत्ता के प्रति कुछ भी कर गुजरने का दम रखते हैं। उस वक्त तो ऐसे लोगों को सब ठीक लगता है लेकिन समय के साथ उन्हें पछतावा जरूर होता है। इसलिए आचार्य चाणक्य का कहना है अगर कोई व्यक्ति इस भूख की चपेट में आ गया तो उसका विनाश होना निश्चित है। अगर खुद को बचाना है तो इससे दूर ही रहें।

Tags: chanakyachanakya nitichanakya niti in hindichanakya niti life lessonschanakya niti quoteschanakya quoteschanakya storiesJeevan Mantrashort note on chanakyaचाणक्य नीतिचाणक्य ने अनमोल विचार
Previous Post

एक नहीं 6 तरह से हमला करता है कोरोना वायरस

Next Post

प्रियंका और अखिलेश ने बरेली के कोविड अस्पताल का हवाला देकर कसा तंज

Desk

Desk

Related Posts

CM Dhami
राजनीति

सीएम धामी ने पूर्व विधायक से अस्पताल में की मुलाकात, जाना कुशलक्षेम

31/07/2025
Sadhvi Pragya
Main Slider

मेरी जिंदगी के 17 साल बर्बाद…’ जज का फैसला सुन रो पड़ीं प्रज्ञा ठाकुर

31/07/2025
Sadhvi Pragya
राष्ट्रीय

मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा को बड़ी राहत, NIA कोर्ट ने किया बरी

31/07/2025
Brinjal
Main Slider

अरे! बैंगन में कीड़े हैं… खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

30/07/2025
Balushahi
खाना-खजाना

रक्षाबंधन पर बनाएं हलवाई जैसी बालूशाही, फॉलो करें ये टेस्टी रेसिपी

30/07/2025
Next Post
प्रियंका-अखिलेश

प्रियंका और अखिलेश ने बरेली के कोविड अस्पताल का हवाला देकर कसा तंज

यह भी पढ़ें

Sudarshan Channel

सुदर्शन न्यूज चैनल के संचालक के खिलाफ केस दर्ज, AIMIM ने लगाए ये गंभीर आरोप

24/07/2022
Kalonji

गंजेपन से हैं परेशान तो ऐसे करें कलौंजी का इस्तेमाल

16/01/2022
Ravindra Jadeja

IPL 2022 से बाहर हुए रवीद्र जडेजा, सामने आई ये बड़ी वजह

11/05/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version