नई दिल्ली। प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी सम्मान विजेता कवि व लेखक मंगलेश डबराल का बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह कोविड-19 से संक्रमित थे। कई दिनों से और गाज़ियाबाद, वसुंधरा के सेक्टर-4 में ली क्रेस्ट प्राइवेट हाॅस्पिटल में भर्ती थे। उनके फेफड़े में संक्रमण था। वहां उनकी बेटी देखभाल कर रही थीं। उनके चाहने वाले अपने प्रिय कवि के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे थे, लेकिन अंतत: कोविड- 19 से ज़िंदगी की जंग हार गये।
मंगलेश डबराल जनसत्ता के साहित्य संपादक भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने कुछ समय तक लखनऊ से प्रकाशित होने वाले अमृत प्रभात में भी नौकरी की। इस समय वे नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हुए थे।
सोशल मीडिया सही गलत का चयन नहीं करती
मंगलेश डबराल को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका था। बता दें कि मंगलेश डबराल समकालीन हिंदी कवियों में सबसे चर्चित नाम थे। उनका जन्म 14 मई 1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड के काफलपानी गांव में हुआ था। इसके बाद, उनकी शिक्षा देहरादून में हुई।
मंगलेश डबराल के 5 काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं। पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु। इसके अतिरिक्त इनके दो गद्य संग्रह लेखक की रोटी और कवि का अकेलापन के साथ ही एक यात्रावृत्त एक बार आयोवा भी प्रकाशित हो चुके हैं।