7 जुलाई की सुबह बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार का निधन हो गया। दिलीप कुमार के निधन के साथ एक युग का अंत हो गया। यूसुफ खान से दिलीप कुमार बने ट्रेजेडी किंग जाते जाते हर किसी को रुला गए। दिलीप कुमार पिछले काफी सालों से बीमार थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हालांकि हर बार दिलीप साहब मौत को मात देकर खुशी खुशी घर लौट आते थे। इस महीने भी उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन 7 जुलाई को दिलीप साहब ने हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर ली। उनके निधन ने बॉलीवुड को गहरा सदमा दे दिया। बड़े से बड़े स्टार इस बात की खबर पाते उनके घर की ओर दौड़ पड़े।
सायरा को देख निकले फैंस के आंसू
दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो उनके पार्थिव शरीर के साथ अस्पताल से बाहर निकलीं, लेकिन जैसे ही वो घर पहुंची उनके सब्र का बांध टूट गया। अपने कोहिनूर के साथ हंसते हंसते घर में कदम रखने वाली सायरा आज अकेली थीं और उनके पति किसी दूसरी दुनिया में खो चुके थे। उनके निधन से सायरा बेसुध हो गईं। अपने साहेब को आखिरी बार गले लगाते, चूमते हुए सायरा के आंसू उनकी आंखों से बहते रहे और जिस किसी ने उनकी ये तस्वीर देखी वो भी अपने आंसू नहीं रोक पाया।
सायरा बानो और दिलीप कुमार ने साल 1966 में शादी की थी। शादी के वक्त सायरा 22 साल की थीं तो वहीं दिलीप कुमार 44 साल के थे, लेकिन जब मोहब्बत सच्ची होती है तो उम्र का फासला मायने नहीं रखता। हीर-रांझा, लैला मजनू की दास्तान सुनने वालों ने सायरा और दिलीप की सच्ची मोहब्बत अपनी आंखों से देखी है। दिलीप कुमार का पार्थिव शरीर जब उनके घर लाया गया तो ये दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था। सायरा अपने हमसफर, अपने कोहिनूर के शरीर से लिपट लिपट कर रो रही थीं।
दिलीप के निधन से फैंस के आंसू निकल रहे थे और बॉलीवुड सदमे में था। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र जैसे सितारों की आंखें भी बेबस थीं, लेकिन दिन रात साये की तरह अपने पति के साथ रहने वाली सायरा के दिल पर क्या गुजर रही थी इस दर्द का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। शाहरुख खान दिलीप कुमार और सायरा बानो के मुंहबोले बेटे हैं। जब शाहरुख सायरा के पास पहुंचे तो वो वैसे ही टूट गईं जैसे कोई मां अपने बेटे को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पाती। शाहरुख खान ने भी एक बेटे की तरह सायरा को ढांढस बंधाया, लेकिन उनके चेहरे पर बरकरार दर्द हर किसी की आंखें नम कर गया।
7 जुलाई की शाम को दिलीप कुमार को सांताक्रूज कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। अपने सितारे को अंतिम विदाई देने के लिए फैंस का हुजूम उमड़ पड़ा। हमेशा साथ रहने वाले दिलीप सायरा के साथ ऐसा पहली बार हुआ कि दिलीप किसी दूसरे सफर पर निकल गए और सायरा पीछे ही रह गईं।
दिलीप कुमार को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। जिस तरह का अभिनय दिलीप कुमार करते थे वो लाखों-करोड़ों की प्रेरणा थे। उनका अभिनय, उनकी मोहब्बत, उनकी सफलता सब कुछ एक सीख देती थी जो उनके साथ काम करने वालों और सिर्फ उन्हें देखने वालों ने भी समझा था। आज दिलीप भले ही सायरा के साथ नहीं है, लेकिन उनके दिल में सिर्फ उनके कोहिनूर ही बसते हैं जो आखिरी सांस तक उनके साथ ही रहेंगे।