नए कृषि बिल वापस लेने को लेकर किसान पिछले 1 महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर अपना आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच शनिवार सुबह एक दुखद खबर आई। यहां आंदोलन के बीच एक अधेड़ किसान ने धरना-प्रदर्शन स्थल के पास लगे शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
इससे पूरे आंदोलन स्थल पर शोक की लहर दौड़ गई है। किसान ने एक सुसाइड नोट पंजाबी में लिखकर छोड़ा है। किसान कश्मीर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरा अंतिम संस्कार मेरे पोते-बच्चे के हाथों यहीं दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। उनका परिवार बेटा-पोता यहीं आंदोलन में निरंतर सेवा कर रहे हैं।
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यूपी पुलिस ने अब सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है। कश्मीर सिंह ने अपनी आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा है कि आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। इसका कारण आंदोलन के मद्देनजर इस सरकार को फेल होना बताया है और कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है इसलिए अपनी जान देकर जा रहा हूं।
यूपी गेट यानी गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के 38वें दिन फ्लाईओवर के नीचे शौचालय में एक बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारा गया। मृतक किसान की पहचान कश्मीर सिंह (75) निवासी बिलासपुर, उत्तराखंड के रूप में हुई है। मृतक किसान के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह सुसाइड नोट पंजाबी में लिखा है जिसका अनुवाद कराया जा रहा है।
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भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने पर दुख जाहिर किया है। राकेश टिकैत का कहना है कि किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ चुका है। सरकार सुन नहीं रही है। यही कारण है कि इस त्तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की अगर यही स्थिति रही तो इस सरकार को किसान धरती में मिला देगा।