मध्यप्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि अन्नदाता किसान यदि उत्पादन नहीं करेंगे तो हम जियेंगे कैसे। सीमा पर तैनात जवानों की तरह ही हमारे देश के किसान रात-दिन खून-पसीना बहाकर अन्न का उत्पादन करते है। हमारे किसान भी जवानों की तरह ही सम्मान के हकदार है।
श्री पटेल नाबार्ड द्वारा वाल्मी में किसान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्यस्तरीय पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में प्रदेश के किसान महिला समूह एवं गैर सरकारी संस्थान (एनजीओ) को 09 विभिन्न श्रेणियों में 28 पुरस्कार प्रदान किये गये हैं। कृषि मंत्री ने किसानों को प्रणाम करते हुए कहा कि किसान अन्नदाता भी है और जीवनदाता भी है। हमारे लिये हर दिन किसान दिवस है, क्योकिं किसान अन्न उत्पादन के लिये दिन-रात मेहनत करता है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था भारत गांव में ही बसता है। उनके सपनों को साकार करने के लिये पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिये प्रधानमंत्री सड़क योजना और किसानों के लिये फसल बीमा योजना के साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ क्रियान्वित की। वर्तमान में उन्हीं के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण विकास के लिये प्रदेश और केन्द्र सरकार निरंतर कार्य कर रही है। गांवों को भी शहरों की तरह विकास की रफ्तार प्रदान करने और दोनों के बीच विकास की दूरी को पाटने के निरंतर प्रयास किये जा रहे है।
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उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किसानों और संस्थाओं को कृषि संबंधी नवीन कानूनों के फायदों की जानकारियां दी। श्री पटेल ने कहा कि एक देश एक बाजार का लाभ किसानों को मिलेगा। श्री पटेल ने कहा कि नये कानूनों के आने के बाद किसान सिर्फ खेती ही नहीं करेंगे। वे उद्यमी बनेंगे, व्यवसाय करेंगे और उद्योगपति भी बनेंगे। किसान अपने खेतों में सिर्फ टमाटर ही नहीं उगाएंगे, वे फेक्ट्री लगाकर टोमेटो सॉस भी बनाएंगे। वे आलू ही नहीं उगाएंगे, बल्कि आलू चिप्स बनाने के लिये उद्यम भी स्थापित करेंगे।
इसी प्रकार अन्य कृषिगत व्यवसायों को नये कानून बढ़ावा देकर कृषकों को समृद्ध बनाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्षेत्रवार उत्पादित होने वाली फसलों का चिन्हांकन किया जाकर बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को जागरूक किया जाएगा। उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे की ज्यादा उत्पादन प्राप्त किया जा सकें और उन क्षेत्रों में कृषिगत व्यवसायों को बढ़ावादिया जा सकें।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और बैंकों में कार्य करने वाले लोग अपने कार्यालयों से बाहर निकलकर गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करने के लिये चौपालों का आयोजन करेंगे। उन्होंने बताया कि इन चौपालों में किसानों को नाबार्ड द्वारा संचालित योजनाओं के साथ ही राज्य और केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं से लाभान्वित होने के लिये जानकारियां प्रदान की जाएंगी।
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सम्मान समारोह में नाबार्ड मध्यप्रदेश क्षेत्रिय कार्यालय की मुख्य महाप्रबंधक टी.एस. राजी गैन ने नाबार्ड के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। समारोह को ऐपिडा के डायरेक्टर चेतन सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वाल्मि की निदेशक उर्मिला शुक्ला, राज्यस्तरीय बैंकिंग समिति के संयोजक एस.डी. माहुरकर, एसबीआई के महानिदेशक संदीप कुमार दत्ता, नाबार्ड के अन्य अधिकारीगण और प्रदेशभर से आए किसान उपस्थित थे।
स्वेच्छानुदान निधि से 21-21 हजार रूपये की राशि सम्मानित
कृषि मंत्री श्री पटेल ने राज्यस्तरीय सम्मान समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी श्रेणियों के विजेताओं को मंत्री स्वेच्छानुदान निधि से 21-21 हजार रूपये की प्रदान करने की घोषणा की। विभिन्न 09 श्रेणियों में विभिन्न 28 किसानों, समूहों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सम्मानित किया गया।