तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले डेढ़ महीने से जारी है। इस दौरान अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है। शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर 40 साल के एक किसान ने आत्महत्या कर ली। पंजाब के रहने वाले अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया। इलाज के लिए उन्हें सोनीपत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
40 से ज्यादा दिनों से जारी इस आंदोलन के दौरान अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है। कुछ किसानों की ठंड के कारण मौत हुई तो कुछ ने खुदकुशी कर ली। 3 जनवरी को टिकरी और कुंडली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की मौत हो गई थी।
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पहली मौत टिकरी बॉर्डर पर हुई। यहां मृतक किसान की पहचान जुगबीर सिंह के रूप में हुई। जबकि दूसरे किसान की मौत कुंडली बॉर्डर पर हुई। इनकी पहचान कुलबीर सिंह के रूप में हुई।
किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक 8 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही। किसान कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं, वहीं सरकार कानूनों में संशोधन की बात कह रही है।