कृषि सुधार कानूनों के विरोध के किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमा के निकट सोमवार से क्रमिक अनशन शुरु कर दिया।
किसान संगठनों के 11 प्रतिनिधियों ने सिंधु सीमा पर अनशन शुरु किया है जो लगातार जारी रहेगा। अनशन में हर दिन अलग-अलग किसान नेता हिस्सा लेंगे। किसानों के आंदोलन का आज 26वां दिन है।
इस बीच सरकार ने किसान संगठनों को एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव भेजा है और उनसे मुद्दे एवं समय बताने का अनुरोध किया है। कृषि मंत्रालय की ओर से 40 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में आंदोलन और पांच दौर की बातचीत की विस्तार से चर्चा की गई है। सरकार ने किसान संगठनों को कृषि कानूनों में संशोधन करने का जो प्रस्ताव दिया है उसका भी उल्लेख किया गया है ।
दिल्ली: बुराड़ी के संत निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान संयुक्त मोर्चा के रामपाल सिंह ने बताया, “इस संघर्ष को 3-4 महीने हो चुके हैं, पहले हमने ये संघर्ष पंजाब में लड़ा और अब दिल्ली में लड़ रहे हैं। जब तक ये कृषि कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे।” pic.twitter.com/zmbqYV105u
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2020
किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव पर सोमवार को चर्चा की जाएगी और उसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक-दो दिन में किसान संगठनों से बात कर सकते हैं। कई किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का विरोध करने और इस दौरान किसानों से थाली बजाने को अपील की है ।
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किसान संगठन लगातार सरकार से तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और सरकार कानूनों में संशोधन करने के प्रस्ताव पर अड़ी हुई है। किसान संगठन और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन उसमें कोई ठोस नतीजा अभी नहीं निकला है।
इस बीच किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने तथा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 को जाम करने की धमकी दी है।