• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

किसानों का कृषि आंदोलन जारी, राकेश टिकैत ने दी बड़ी चेतावनी, 26 नवंबर तक…

Desk by Desk
01/11/2021
in ख़ास खबर, गाजियाबाद, राष्ट्रीय
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार के पास विवादित कृषि कानूनों  को निरस्त करने के लिए 26 नवंबर तक का वक्त है। इसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को तेज़ किया जाएगा। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे 26 नवंबर को एक साल पूरा हो जाएगा। इन प्रदर्शनों की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है जिसमें किसानों के कई संघ शामिल हैं। BKU भी SKM में शामिल है और उसके समर्थक दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाज़ीपुर में धरना दे रहे हैं।

J&K: महबूबा मुफ्ती नजरबंद, आवास पर करने वाली थी कोर ग्रुप की बैठक

बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत  ने ट्वीट किया,  केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल को मजबूत करेंगे।

केंद्र सरकार को 26 नवंबर तक का समय है, उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आन्दोलन स्थल पर तंबूओं को मजबूत करेगा।#FarmersProtest

— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 1, 2021

दरअसल किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को रद्द करे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए कानून बनाए।

बता दें कि केंद्र और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है। केंद्र सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं जबकि प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये कानून उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देंगे।

Tags: agricultural lawsbhartiya kisan unionfarm lawsRakesh TikaitSKM
Previous Post

ऑटो लोन लेने से पहले जान ले ये जरूरी बात, नहीं होगा नुकसान

Next Post

अगर आप बच्चों को बाइक पर बैठाकर चलाते हैं, तो जान लें सुरक्षा के ये नियम

Desk

Desk

Related Posts

CM Dhami flagged off the Adi Kailash Parikrama Run
Main Slider

CM धामी ने आदि कैलाश परिक्रमा किया रन का फ्लैग ऑफ़, LOGO का किया अनावरण

21/09/2025
CM Dhami
Main Slider

युवाओं में ऊर्जा, स्वास्थ्य, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक है ‘नमो युवा रन’: सीएम धामी

21/09/2025
CM Vishnudev Sai
राजनीति

गुरु श्री तेगबहादुर ने देश और धर्म की रक्षा के लिए दिया बलिदान: मुख्यमंत्री विष्णुदेव

20/09/2025
CM Bhajan lal Sharma
Main Slider

पीएम मोदी से पहले कार्यक्रम स्थल पहुंचे सीएम भजनलाल, तैयारियों का लिया जायजा

20/09/2025
Notorious criminal Balram Thakur killed in encounter
Main Slider

अनिल दुजाना गैंग का कुख्यात बदमाश बलराम ठाकुर ढेर, 50 हजार का था इनामी

20/09/2025
Next Post

अगर आप बच्चों को बाइक पर बैठाकर चलाते हैं, तो जान लें सुरक्षा के ये नियम

यह भी पढ़ें

cm yogi

इटावा में CM योगी बोले- वैक्सीन का विरोध करने वाले अब खुद भी लगवा रहे हैं

22/05/2021
Azam Khan

सपा विधानमण्डल दल की बैठक में नहीं शामिल हुए आज़म खान, अब्दुल्ला ने भी बनाई दूरी

22/05/2022
Dr. Abdul Kalam

World Student’s Day: युवाओं को आज भी प्रेरणा देते हैं डॉ. अब्दुल कलाम के ये विचार

15/10/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version