गणतंत्र दिवस पर निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान मचे बवाल और हिंसा के बाद बुधवार को किसान नेताओं ने अपना रुख स्प्ष्ट किया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान गणतंत्र परेड में 2 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर आए और दुनिया की नजरें इस पर रहीं।
सरकार ने साजिश के तहत इसे तोड़ने की कोशिश की। सरकार ने पंजाब किसान मजदूर समिति को खुद परेड में आगे लाकर बैठाया। सरकार की इनसे मिलीभगत थी। हमारे लिए हर रूट पर बाधाएं खड़ी की गईं। खुद सरकार ने सबको लाल किला और आईटीओ पर इनको भेजा और यह सबके सामने है। दीप सिद्धू सरकार के खास हैं।
26 जनवरी को पुलिस चौकी पर सारे पुलिसवाले चौकी छोड़कर चले गए और उन्हें अपना काम करने दिया। राष्ट्रीय ध्वज हटाकर इन लोगों ने धार्मिक झंडा फहाराया. इससे हमारी भी और देश की भावनाएं हुईं। हम बिना किसी कसूर के देशवासियों को खेद प्रकट करते हैं, लेकिन मोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा।
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उन्होंने कहा कि हमने फैसला लिया है कि फसला 30 जनवरी को देशभर में आंदोलन की तरफ से जनसभाएं की जाएंगी और एक दिन का अनशन किया जाएगा। फिलहाल हमने 1 फरवरी को संसद पर मार्च का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। यह अब कब होगा इसके बारे में अगली तारीख तय की जाएगी।
वहीं, योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारी कल की परेड सफल रही। उसमें कुछ घटनाएं हमारी योजनाओं के अनुसार नहीं थीं। आप जानते हैं कि हमने ऐसी घटनाओं से खुद को अलग कर दिया। उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू और पंजाब किसान मजदूर समिति के अंदर के रोल को हमने पर्दाफाश किया। ये सरकार की तरफ से सुनियोजित व्यक्ति है।
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हम पूरे देश से दीप सिद्धू के सामाजिक बहिष्कार की अपील करते हैं। तिरंगे की बेदअदबी करना देश का अपमान है। 25 जनवरी को उसने सबके सामने घोषणा कर दी थी। उसे सजा मिलनी चाहिए।
उधर, राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन सफल रहा। सबका धन्यवाद करते हैं। अगर कोई घटना हुई है तो उसके लिए पुलिस दोषी है। यह पुलिस की साजिश थी आंदोलन को बदनाम करने की। एफआईआर से हमें कोई दिक्कत नहीं है।