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कुरुक्षेत्र में किसानों ने नेशनल हाइवे 44 किया ब्‍लॉक, तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में जमकर काटा बवाल

Farmers block National Highway 44 in Kurukshetra

कुरुक्षेत्र में किसानों ने नेशनल हाइवे 44 किया ब्‍लॉक

कुरुक्षेत्र। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आज किसानों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में जमकर बवाल काटा है। इस दौरान उन्‍होंने नेशनल हाइवे 44 को भी ब्‍लॉक कर दिया। कृषि अध्यादेशों के विरोध में आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पीपली मंडी परिसर में किसान बचाओ रैली बुलाई गई, जिसमें प्रदेश भर के किसान जुटे। कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने इस रैली के लिए अनुमति नहीं दी थी। जबकि महम विधायक बलराज कुंडू को भी समर्थकों सहित हिरासत में लिया गया।

कुरुक्षेत्र के पीपली में किसान बचाओ रैली का आयोजन किया गया, जिसको लेकर प्रदेशभर के किसान नेता काफी समय से जनसंपर्क अभियान चलाए हुए थे। यही नहीं, इस रैली का हिस्‍सा बनने के लिए एक दिन पहले ही किसान अपने घरों से निकल पड़े थे, लेकिन कुछ किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान कई जगह पर किसानों को हिरासत में भी लिया गया। जबकि इस दौरान किसानों ने विरोध किया तो पुलिस को उन पर लाठियां भांजनी पड़ी।

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हरियाणा के किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों का जमकर विरोध कर रहे हैं। जबकि इस दौरान उन्‍हें राज्‍य की कई पार्टियों का समर्थन भी हासिल है। कानून के मुताबिक, पहले हर व्यापारी केवल मंडी से ही किसान की फसल खरीद सकता था। अब व्यापारी को इस कानून के तहत मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। अनाज, दालों, खाद्य तेल, प्याज, आलू आदि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा खत्‍म कर दी है।

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महम के विधायक बलराज कुंडू ने भी किसान बचाओ रैली को अपना समर्थन दिया था। वे भी आज अपने समर्थकों के साथ पीपली जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान पुलिस और कुंडू समर्थकों में काफी देर तक हंगामा भी हुआ। हिरासत में लिए जाने के बाद कुंडू ने कहा कि वह किसानों की आवाज उठाते रहेंगे, सरकार इस तरह से दमनकारी नीति अपना कर किसानों को दबा नहीं सकती।

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सरकार कुछ फसलों का डायरेक्ट भुगतान करना शुरू कर चुकी है। इसलिए आढ़ती फाइनेंस के लाइसेंस की मांग करते हैं। वहीं, आढ़तियों ने प्रदेश सरकार द्वारा उनके व किसानों के खिलाफ बनाए गए सभी नए अध्यादेशों को काला कानून बताया है।

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