केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीनों कानूनों को वापस लेने और चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य का तुरंत भुगतान कराने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया और गन्ने की होली जलाई।
दूसरी ओर किसानों के समर्थन में सपा की साइकिल यात्रा पुलिस प्रशासन की सख्ती के चलते नहीं निकाली जा सकी। प्रशासन ने सपा और आप के कई नेताओं को, हिरासत में लेकर साइकिल यात्रा नहीं निकलने दी।
भाकियू के सैकड़ों कार्यकर्ता एनसीआर यूनिट के महासचिव मांगेराम त्यागी और युवा इकाई के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां पहले से ही भारी पुलिस बल तैनात था। एहतियात बतौर प्रशासन ने कलेक्ट्रेट का मुख्य द्वार पहले ही बंद कर रखा था। किसानों की नारेबाजी के चलते कई बार पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हुई। किसानों ने लोहे के गेट पर चढ़कर कलेक्ट्रेट में प्रवेश करने का असफल प्रयास भी किया।
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भाकियू महासचिव मांगेराम त्यागी ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार हठधर्मिता पर अडी है। यदि कृषि विधेयक लागू हुए तो किसान बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य का तुरंत भुगतान कराने की भी मांग की किसानों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर गन्ने की होली भी जलाई।
किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते कलेक्ट्रेट के आसपास का क्षेत्र में जाम की स्थिति पैदा हो गई प्रशासन ने पहले से ही किसानों के कलेक्ट्रेट में प्रवेश न करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी दूसरी ओर प्रशासन ने सपा की प्रस्तावित साइकिल यात्रा को निकलने से रोकने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जिसके तहत कई सपा नेताओं को उनके घरों से निकलने नहीं दिया गया।