पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का सिंहनाद करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किसानो को टायरों के नीचे कुचलने और उनका अपमान करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के दिन गिने चुने रह गये हैं।
चौधरी यशपाल की जयंती के मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुये श्री यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सीधा हमला बोलते हुये कहा “ योगी उसको बोलते है जो दूसरे का दुख अपना समझे। गुरूनानक देव ने कहा है कि माया के बीच रहकर माया से दूर रहे वो योगी होते है मगर मुख्यमंत्री योगी और उनके लोगों का कारनामा लोगों ने लखीमपुर में देखा जहां गाडियों के टायरों से किसानो को कुचला गया। कानून को भी कुचलने की भी तैयारी थी। उन्हे देर नहीं लगेगी कि जब वह संविधान को भी कुचल देंगे।”
उन्होने कहा “ किसान अन्नदाता है वह हमारा पेट भरता हैं। हमे पहनने को कपड़े देता है। मौजूदा सरकार में हालांकि उसे अपमानित होना पड रहा है। किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है और यह सरकार उनका मवाली कह रही है। उनका वश चले तो आतंकवादी कह दें। भाजपा के अपमान के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नही है। वह गद्दी पर बैठाना भी जानते है और उतारना भी जानते है।”
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सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानो की आय दाेगुनी करने का वादा किया था मगर उलटा सभी चीजों के दाम बढ गये। गन्ना किसानो का चार हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का बकाया है। अभी सरकार ने पिछले साल का भुगतान नहीं किया है। लखीमपुर धान का इलाका है। धान उगाने वाला किसान को अपने उत्पाद की कीमत एक हजार रूपये क्विटंल भी नहीं मिल पा रही है। पेट्रोल 100 रूपये पार कर गया। यह सरकार रही तो पेट्रोल डीजल नीचे नहीं जायेगा। कीटनाशक , डीएपी, खाद की कीमते आसमान छू रही है। सरसों का तेल महंगा हो गया मगर सरसों पैदा करने वाला किसान बदहाल है। सरकार का बेतुका तर्क है कि सरसों का तेल इसलिये महंगा हुआ क्योंकि मिलावट नहीं कर पा रहे है।
उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार पांच ट्रिलियन डालर की इकोनामी की बात कर रहे थी तो यूपी के नकलची मुख्यमंत्री ने भी एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का वादा कर लिया मगर नतीजा सिफर है। किसानो के लिये बिजली के मीटर भी लग गये और तेज भी भागने लगे। बिल बढा दिया। कमरतोड़ महंगाई से बेहाल किसानो को 500 रूपये दिये जाने लगे मगर क्या यह सम्मान की बात है। वास्तव में चुनाव से पहले एकाउट पर पैसा भेजकर सरकार किसानो को धोखा देने का काम कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि कोरोना काल में गरीबों को इस सरकार ने मरने के लिये छोड़ दिया था। जब गरीबों को सबसे ज्यादा जरूरत थी, उन्हे अनाथ छोड दिया था। न दवाई दी, न आक्सीजन दी और न ही अस्पतालों में बेड दे पाये। यहां तक कि दाह संसकार के लिये लकडी भी नही दे पाये। श्मशान घाट पर टीन शेड लगाकर अंतिम संस्कार किया गया। गाजीपुर, इलाहाबाद, कन्नौज, उन्नाव समेत तमाम स्थानो पर गंगा में लाशें उतरा रही थी। सरकार का तर्क था कि बिहार से बह कर आयी है लेकिन कोई बता सकता है कि क्या उलटे गंगा बह सकती है।