प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने बजट में किसानों को ”नजरअंदाज” किए जाने और इंटरनेट बंद करने समेत अन्य मुद्दों के विरोध में छह फरवरी को तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। किसान नेताओं के साथ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार को कहा कि उन्हें केवल कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की चिंता है और केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र को क्या दिया गया है इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
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सिंघू बॉर्डर पर ज्यादातर किसान बजट से अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थल पर इंटरनेट उपलब्ध नहीं है इसलिए उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता।
हरियाणा के कैथल जिले के निवासी 48 वर्षीय रणधीर सिंह ने कहा, “अभी हमारा लक्ष्य केवल यही है कि तीनों कानून वापस लिए जाएं। केंद्रीय बजट हमारी चिंता का विषय नहीं है।”
सिंह के ही गांव के रहने वाले पाला राम ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने मुझे कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं के बारे में बताया, लेकिन वह अलग चीज है, हम इस समय उसके लिए चिंतित नहीं हैं।”
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पंजाब के पटियाला के निवासी 65 वर्षीय अवतार सिंह ने कहा कि सरकार को किसानों की आय बढ़ाने के तरीके बताने चाहिए थे।