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हरियाणा में कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

Agriculture bills

कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन

चंडीगढ़। हरियाणा में कृषि अध्यादेशों पर अपने-अपने तर्कों के साथ सरकार और किसान आमने-सामने हैं। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) हरियाणा ने आज प्रदेश भर में तीन घंटे रोड जाम आंदोलन का आह्वान किया है। प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी और प्रवक्ता राकेश बैंस ने दावा किया है कि इस आंदोलन में 17 किसान यूनियनों का उन्हें समर्थन प्राप्त है। उधर, हरियाणा सरकार ने भी किसानों से आंदोलन की राह छोड़कर बातचीत का ऑफर रखा। मगर किसान फिलहाल आंदोलन के लिए कमर कसे हुए हैं।

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किसानों के प्रदर्शनों को लेकर हरियाणा गृह सचिव ने भी सभी जिलों के डीसी व एसपी को अलर्ट घोषित कर दिया है। इस संदर्भ में गृह सचिव ने सभी जिलों के डीसी और एसपी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सभी डीसी, एसएसपी, एसपी इस रोड जाम करने का आह्वान करने वाले लोगों तक पहुंचे और शांतिपूर्ण धरने के लिए मनाएं।

यदि हाईवे जाम होते हैं तो दूसरे विकल्प एक रास्तों पर ट्रैफिक को तुरंत मूव किया जाए। यदि कोई अधिकारी जिलों से बाहर हैं तो सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी अपने जिलों में रिपोर्ट करें। कोई अफसर रविवार को छुट्टी पर नहीं रहेगा। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदर्शनकारियों के साथ विनम्रता और धैर्य से पेश आया जाए। हालांकि,  प्रदर्शनकारियों को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 20 सितंबर को किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। तो इसके लिए गृह सचिव के नियंत्रण कक्ष (0172-2711925) पर संपर्क किया जा सकता है।

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हरियाणा और पंजाब में किसान कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। किसानों के विरोध के मद्देनजर हरियाणा के अंबाला में पुलिस बल मुस्तैद है। अंबाला के सदोपुर सीमा पर भारी पुलिसबल को तैनात किया गया है। अंबाला के एसपी अभिषेक जोरवाल ने कहा कि ‘यहां जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है, क्योंकि भारतीय किसान यूनियन ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। हमारे पास यहां पर्याप्त संख्या में बल मौजूद हैं।’

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