हाथरस। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किसान उत्पादक संगठन एवं प्रगतिशील किसानों से संवाद किया है। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि खेती को लाभप्रद बनाने के लिए वह जैविक खेती पर जोर दें और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से बचें।
श्रीमती पटेल बुधवार को पुलिस लाइन में स्वयं सहायता समूह, अग्रणी बैंक प्रबंधकों, कृषक उत्पादन संगठन एवं प्रगतिशील किसानों तथा क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लेने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ बैठककर विचार-विमर्श किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है, वह अनाज उगाते हैं और प्रधानमंत्री का कहना है कि वे अपनी फसल की कीमत स्वयं तय करें, ताकि किसानों को उनकी उपज का वास्तविक मूल्य मिल सके और हमारे देश के किसान सशक्त एवं समृद्ध हो सकें।
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राज्यपाल ने बैठक में टी बी ग्रस्त बच्चों को मिल रहे उपचार की जानकारी संबंधित अधिकारियों से प्राप्त की। उन्होंने कहा कि जिले में टी बी ग्रस्त मरीजों को गोद लिया जाये और उन्हें चना, गुड़, मूंगफली एवं मौसमी फल दिया जाए, इससे वह शीघ्र स्वस्थ्य हो सकेंगेे। उन्होंने कहा कि क्षय रोग से ग्रसित बच्चे हमारे समाज के लिए चिन्ता का विषय हैं, इनकी देख-भाल करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। इस अवसर पर उन्होंने टी बी ग्रस्त बच्चों से बात की व उन्हें फल और मिठाई भेंट की।
इस अवसर पर श्रीमती पटेल ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और पूजा, सैंगर, सुमनलता, कविता, प्रेमवती आदि महिलाओं से उनके उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की प्रतिनिधि गुड़िया, राहीसन, सीमा, रचना, आरती आदि को सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव हेतु चाभी सौंपी। राज्यपाल ने दिव्यांग महिलाओं सुनीता, शबाना, मंजू, बिल्लू देवी, ललिता आदि को ट्राई साइकिल भी वितरित किया।