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रबी के मौजूदा सीजन में एक लाख हेक्टेयर रकबे में होगी प्राकृतिक खेती

Writer D by Writer D
29/10/2022
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
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natural farming

natural farming

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप रबी के मौजूदा सीजन में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक लाख हेक्टेयर रकबा भूमि को गौ आधारित प्राकृतिक खेती (Natural Farming) से आच्छादित करने का लक्ष्य रखा है। इस विधा से खेती करने वाले प्रगतिशील किसान इसके उन्नत तौर-तरीकों को  देखने-सीखने नियमित अंतराल पर गुरुकुल जाएंगे। सरकार का लक्ष्य अगले साल सभी ब्लाकों में  प्राकृतिक खेती के क्लस्टर विकसित करने का है।

मालूम हो कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती (Natural Farming) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रिय विषय है। जब भी उनको अनुकूल मंच मिलता है, इसका जिक्र जरूर करते हैं। 24 सितंबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इसी संदर्भ में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में उन्होंने कहा था  कि जन, जमीन, जल को जहरीले रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों से बचाने,  देसी गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन का एक मात्र विकल्प जैविक खेती ही है। संयोग से यही अपनी परंपरा भी रही है। स्वतंत्रता  दिवस (15 अगस्त) के अपने संबोधन में भी मुख्यमंत्री ने इस बाबत अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। मुख्यमंत्री का मानना है कि न्यूनतम लागत में अधिक्तम पैदावार मौजूदा कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती है। प्राकृतिक खेती (Natural Farming) कम लागत में अच्छा उत्पादन और विष मुक्त खेती का अच्छा माध्यम है। इसके प्रोत्साहन के लिए इस अभियान से वैज्ञानिक जुड़ेंगे तो न केवल किसानों की आमदनी को कई गुना बढाने में हमें सहायता मिलेगी। इन सबके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन भी कर दिया गया है।

हाल ही में प्रदेश के कृषि मंत्री, खेतीबाड़ी से जुड़े अन्य विभागों के मंत्रियों, संबंधित विभाग के शीर्ष अधिकारियों एवं कुछ प्रगतिशील किसानों ने कुरुक्षेत्र (हरियाणा) स्थित गौ आधारित प्राकृतिक खेती प्रक्षेत्र का दौरा किया। इसी के बाद रबी के मौजूदा सीजन में करीब एक लाख हेक्टेयर रकबे में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का लक्ष्य रखा गया है।

यूपी में जैविक खेती की संभावनाएं

उत्तर प्रदेश में जैविक खेती के लिए भरपूर बुनियादी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। सरकार इन सुविधाओं में लगातार विस्तार भी कर रही है। मसलन, जैविक खेती का मुख्यालय नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फॉर्मिंग (एनसीओएफ) गाजियाबाद में स्थित है। देश की सबसे बड़ी जैविक उत्पादन कंपनी उत्तर प्रदेश की ही है। यहां प्रदेश के एक बड़े हिस्से में अब भी परंपरागत खेती की परंपरा है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इसके किनारों पर जैविक खेती की संभावनाओं को और बढ़ा देती है। 2017 के जैविक खेती के कुंभ के दौरान भी एक्सपर्ट्स ने गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित करने की संस्तुति की थी।

सरकार की ओर से अब तक किये गये प्रयास

प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के सभी 7 जिलों के  47 ब्लाकों  में करीब 12000 हेक्टेयर क्षेत्रफल (235 कलस्टर) में गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लिए बजट के प्रावधान के साथ अनुदान की व्यवस्था  की है। इसी क्रम में गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को बचाने के लिए इसके तटवर्ती जिलों में प्राकृतिक खेती, बागवानी एवं नर्सरी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 27 जिलों में 244 क्लस्टर्स में 62,200 हेक्टेयर जमीन को गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लिए चिह्नित किया गया है।

सरकार नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग के तहत बड़ी संख्या में किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ रही है। इसके साथ 23 जिलों के 39 ब्लाकों में 23, 510 हेक्टेयर में 470 कलस्टर बनाकर इस खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अब तक लगभग एक लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। रबी के मौजूदा सीजन में इसे और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

स्वच्छता की ओर उत्तर प्रदेश ने बढ़ाए कदम

राज्य के सभी चार कृषि विश्विविद्यालयों को प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन के लिए लैब की स्थापना के निर्देश दिए गए। पहले चरण में इन विश्विद्यालयों के साथ 89 कृषि विज्ञान केंद्रों में सर्टिफिकेशन को बढ़ाकर इन उत्पादों को बेहतर मार्केट उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है। हर मंडी में प्राकृतिक खेती के उत्पादों के विक्रय के लिए अलग से आउटलेट की व्यवस्था भी की गयी है।

Tags: Lucknow Newsnatural farmingorganic farmin
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