Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

किसान आंदोलन 2.0 का आगाज, 6 दिसंबर को पैदल दिल्ली कूच करेंगे किसान

Farmers

Farmers

नई दिल्ली। अपनी मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान (Farmers) 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे, लेकिन ट्रैक्टर ट्रोलियां आगे ले जाने की इजाजत ना होने के मद्देनजर किसानों ने ऐलान किया है कि इस बार वो ट्रैक्टर ट्राली लेकर आगे नहीं बढ़ेंगे बल्कि पैदल ही अलग-अलग जत्थों में दिल्ली की और 6 दिसंबर को रवाना होंगे और दिल्ली पहुंच कर अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।

किसान आंदोलन 2.0 (Farmers Andolan 2.0) को शुरू हुए लगभग 9 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। ऐसे में किसान पंजाब- हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी के बाद अब किसानों ने दिल्ली कूच करने का निर्णय ले लिया है।

‘दिल्ली चलो’ मार्च

प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इसी के बाद अब केएमएम नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, लंबे इंतजार के बाद, उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हम 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। पंढेर ने कहा कि किसान रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यात्रा करेंगे। पंढेर ने उम्मीद जताई कि हरियाणा सरकार भी किसानों की मदद करेगी। किसानों का पहला चरण अंबाला के जग्गी गांव में होगा।

क्या है किसानों (Farmers) की मांग?

किसानों (Farmers) का कहना है कि सरकार उन से बात नहीं कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सरकार से फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसान लीडर नेकहा, हम शांति से बैठ कर पिछले 9 महीने से सरकार से बात करने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया, इसके बाद हमारे पास अब कोई ऑप्शन नहीं बचा है, लेकिन अब हम दिल्ली जाएंगे।

जय शाह ने बीसीसीआई सचिव पद से दिया इस्तीफा, अब शुरू करेंगे नई पारी

भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के तेजवीर सिंह ने कहा कि वो 280 दिनों से दो सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और केंद्र ने 18 फरवरी से उनके साथ कोई बातचीत नहीं की है। इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों और किसानों के बीच 18 फरवरी को बातचीत हुई थी। सरकार ने प्रस्ताव सामने रखा था कि सरकारी एजेंसियां ​​​​एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास की फसलें पांच सालों के लिए खरीदेंगी, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

Exit mobile version