चुरू। अब प्रदेश की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) बैल से खेती करने पर लघु एवं सीमांत किसानों को 30 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने पारंपरिक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस निर्णय से किसान समृद्ध होंगे तथा पशुधन का संवर्द्धन होगा। योजना अंतर्गत खेती में बैल जोड़ी का इस्तेमाल करने वाले लघु और सीमांत किसानों को आर्थिक मदद दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने बजट 2025-26 में घोषणा की गई इस योजना से पारंपरिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। योजना के तहत हर बैल जोड़ी पर 30 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
यह रहेगी योजना अंतर्गत अनुदान के लिए पात्रता
योजना अंतर्गत अनुदान के लिए किसान के पास एक जोड़ी (दो बैल) बैल होने चाहिए, जिनका उपयोग कृषि में किया जा रहा है। कृषक लघु/सीमांत हो तथा लघु/सीमान्त का प्रमाण पत्र तहसीलदार से प्रमाणित/डीआईएलआरएमपी से डाऊनलोड भूमि का विवरण होना चाहिए। बैलों का पशु बीमा होना आवश्यक है। बैलों की उम्र 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इसी क्रम में योजनांतर्गत मंदिर भूमि हेतु निर्धारित पंजिका में वर्णित पुजारी मंदिर भूमि के संरक्षक के रूप में वाछिंत पात्रता रखने पर अनुदान के लिये पात्र हांगे। राज्य के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त वनाधिकार पट्टे, जिसमें कृषक की भूमि का स्थान, क्षेत्रफल, अक्षांश व देशान्तर अंकित है, ऎसे भूमि प्रदत्त कृषकों को भी वाछिंत पात्रता रखने पर लाभान्वित किया जा सकेगा।
यह रहेंगे अनुदान हेतु आवश्यक दस्तावेज
योजना अंतर्गत अनुदान हेतु कृषक को जनआधार कार्ड एवं आधार कार्ड की प्रति संलग्न करनी होगी। आवेदन पत्र को ई-प्रपत्र (ई-फॉर्म) में भरा जाएगा एवं आवश्यक दस्तावेज जमाबन्दी की नकल (6 माह से अधिक पुरानी नहीं हो) को स्केन कर अपलोड करने होंगे। राज्य के जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त वनाधिकार पट्टाधारक कृषक को आवेदन पत्र के साथ वनाधिकार पट्टे की छायाप्रति संलग्न करनी होगी।
कृषक के स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में (कृषक के पिता के जीवित होने एवं परिवार से अलग रहने अथवा मृत्यु पश्चात नामान्तरण के अभाव में) यदि आवेदक कृषक स्वयं को पक्ष में राजस्व विभाग द्वारा सक्षम स्तर से भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण- पत्र प्रस्तुत करता है तो ऎसे कृषक को भी अनुदान हेतु पात्र माना जाएगा।
यह रहेगी आवेदन प्रक्रिया
बैलों से खेती पर अनुदान हेतु कृषक नजदीकी ई-मित्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राजकिसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। ऑफलाईन आवेदन स्वीकार नहीं किये जाएंगे। कृषक को बैलों की जोड़ी के साथ फोटो पोर्टल पर अपलोड करना होगा। बैलों की पशु बीमा पॉलिसी एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा। कृषक को निर्धारित प्रारूप में 100 रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। कृषक द्वारा लघु/सीमान्त श्रेणी का तहसीलदार से प्रमाणित प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा। आवेदन पत्र को ऑनलाइन ई-प्रपत्र (ई-फॉर्म) में भरा जाएगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्कैन कर अपलोड करना होगा तथा ई-प्रपत्र में शपथ/सहमति प्रदान करनी होगी।
कियोस्ककर्ता आवेदक को आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद देगा तथा स्वयं के स्तर पर आवेदन में आवेदक प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेगा। आवेदन पत्र की ऑनलाइन स्क्रूटनी के समय आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर आवेदक को आधार से जुड़े मोबाईल नम्बर पर एसएमएस प्राप्त होगा, जिस पर आवेदक को 30 दिवस में कमी की पूर्ति करनी होगी अन्यथा 30 दिवस के बाद आवेदन स्वतः ही निरस्त हो जाएगा। आवेदनकर्ता आवेदन के पश्चात् राजकिसान सुविधा मोबाईल एप अथवा राजकिसान साथी पोर्टल पर आवेदन की स्थिति/प्रगति की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे।