फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद जिले में रोडवेज अड्डे को कब्जामुक्त कराने लिए बडी प्रशासनिक कार्रवाई बुधवार को की गई। योगी सरकार की मंशा के अनुरूप जिले को सवारने में जुटे जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह के तल्ख तेवरों के बीच प्रशासन ने नगर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्या के नेतृत्व में यह कार्रवाई संपन्न हुई। प्रशासनिक अमले ने जिले की शान से बदनुमा धब्बा धोकर एतिहासिक कार्यवाही को कुल ढाई घंटे मे अंजाम दे डाला।
बता दें कि इस ध्वस्तीकरण की कार्रवाई एक सदी से अवैध कब्जे से लाल दरवाजा स्थित जिले के मुख्य रोडवेज बस अड्डे को आज अपनी असली पहचान मिल गई। करीब एक दर्जन इमारतों को यहां ध्वस्त करा दिया गया। भारी पुलिस बल और कडे इंतजामात से परिंदा नहीं पर तक नहीं मार पाया। कफ्र्यू जैसे माहौल में नगर मजिस्ट्रेट ने खुद हाथ में डंडा लेकर स्थिति को नियंत्रित करने में डटे रहे।
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कई बार नोटिस और मुनादी के बाद भी जूं तक न रेंगने पर आज प्रशासनिक अमला भारी तैयारी के साथ जब सुबह 11 बजे लालगेट स्थित बस अड्डे पर पहुंचा तो अफरा तफरी मच गई। प्रशासन ने मुनादी कराते हुए अवैध कब्जेदारों को अपना सामान बाहर निकालने का फरमान जारी किया।
कल्लू तिवारी का होटल सबसे पहले जेसीबी के पंजे की जकड़ में आया। चंद मिनट लगे और होटल ध्वस्त हो गए। इसके बाद गंगा नगर निवासी नीलेश गुप्ता फिर मुकेश सक्सेना फिर परचून वाले जीतू के बाद जैसे ही बुलडोजर सांकर वाले संजू दीक्षित की ओर बढा तो उनकी बेटियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। पहले तटस्थ महिला पुलिस ने स्थिति को छुटपुट हाथापाई के बीच नियंत्रण में लिया। देखते ही देखते दीक्षित का दो मंजिला मकान ढेर मे तब्दील हो गया।
नगर मजिस्ट्रेट के निर्देशन में आज एआरएम रोडवेज क्षेत्राधिकारी नगर राजवीर सिंह शहर कोतवाल वेद प्रकाश पांडेय इंस्पेक्टर मोहम्मदाबाद राकेश कुमार थाना प्रभारी निरीक्षक मऊदरवाजा जेपी शर्मा महिला एसओ विनीता सारथी सहित तीन ट्रक पीएसी यहां मौजूद रही।
चप्पे चप्पे पर पुलिस , पीएसी और रोडवेज की नाकेबंदी
रोडवेज बस अड्डे को आवाद करने की तैयारी में प्रशासन ने लालगेट से लेकर स्वराज कुटीर तक पुलिस व पीएसी बल की नाकेबंदी की। करीब तीन घंटे कोई भी मुख्य मार्ग से निकलने नहीं दिया गया। यहां तक की रोडवेज बसों का आवागमन रोक दिया गया। चली कार्यवाही के बीच कई बार भीड ने रूकावट पैदा करने का प्रयास किया लेकिन सख्त नगर मजिस्ट्रेट के निर्देशन में किसी की एक न चलीं। पुलिस ने कई बार भीड को खदेड़ा।
पल पल की खबर लेेते रहे जिलाधीश
सरकारी रोडवेज अड्डे को कब्जामुक्त कराने लिए चली बडी प्रशासनिक कार्रवाई का जिलाधिकारी मिनट टू मिनट अपडेट लेते रहे। वहीं प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए यहां पूरी तैयारी से पहुंचा। लाठी चार्ज की स्थिति पर सख्ती से निपटने के लिए दंगा नियंत्रण वाहन, अग्निशमन वाहन के अलावा क्यूआरटी बल भी अलर्ट किया गया।
कानों कान नहीं होने दी गई किसी को खबर
रोडवेज बस स्टाप पर आज की कार्रवाई की खबर किसी को भी कानो कानों नहीं हुई। पुलिस बल को भी अचानक मौके पर बुलाया गया। जब तक कोई समझता तब तक यहां मौजूद जेसीबी ईओ नगर पालिका रविन्द्र कुमार के निर्देशन में शेरनी की तरह जबड़े तैयार की थीं। चंद मिनट के निर्देश और कुछ घंटों की मशक्कत के बीच रोडवेज बस अड्डे को आज अपना वास्तविक स्वरूप मिल गया और सरकार के लगाए गए करोड़ो रूपये का सौंदर्यीकरण भी निखर कर सामने आ गया।
सपा सरकार में नहीं जुटा पाए थे हिम्मत अधिकारी
तत्कालीन अखिलेश सरकार की हूकूमत में करोडों रूपये की लागत से तैयार किए गए माॅडल रोडवेज बस अड्डे को तैयार कर लिया गया था, लेकिन अखिलेश राज के आलाधिकारी रोडवेज अड्डे का मुंह चिढा रहे अवैध निर्माण को हटाने में हिम्मत नहीं जुटा सके। नगर मजिस्ट्रेट के बिगडे रूख के चलते खाली हुए रोडवेज स्टाप की रौनक अब योगी राज में खुलकर सामने आईं।
अब नहीं लगेगा रोज घंटो जाम
आज नगर मजिस्ट्रेट पर उस वक्त सटीक बैठे जब वह बेखौफ होकर हेलमेट लगाए हाथ में डंडा लेकर कार्रवाई को कराने में जुटे थे। ऐसा कोई दिन और शाम नहीं थी जो रोडवेज बस अड्डा जाम की झाम से जूूझता न हो। बसों का आवागमन और स्थानीय ट्रैफिक के चलते यहां न केवल जाम लगता था बल्कि उस जाम से रोडवेज बसें भी घंटों सफर करती थी। सवारियां लेट होती थी। आज जब बस अड्डे के बाहर का अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण की भेंट चढ़ा तो यहां की रौनक में ही चार चांद नहीं लगे बल्कि फर्रूखाबाद के चेहरे पर लगा काला धब्बा भी साफ हो गया।
महज तीन घंटे जिला प्रशासन की मेहनत, और बदल गई तस्वीर
हुकूूमत का जज्बा हो तो आसमान में भी छेद होते देर नहीं लगती आज चली रोडवेज अड्डे पर प्रशासन की महज तीन घंटे मशक्कत और मेहनत के बाद यहां की तस्वीर ही बदल कर रख दी। वर्षों से यहां नोटिस और विरोध का खेल आज खत्म कर दिया गया। लोग लीक पीटते रह गए और प्रशासन अपना काम कर निकल गया। नगर मजिस्ट्रेट मौर्या ने साफ कहा कि अवैध कब्जेदारी कहीं पर होगी छोड़ेगें नहीं हमें नगर को जाम की झाम से मुक्त करना है यही हमारा लक्ष्य है।
छत विहीन बेटी के आंसू देख सिटी मजिस्ट्रेेट भावुक, बोले दिलाएगें आवास
साहब सर्दियों के दिन और कपकपाती रातें हम बेघर हो गए हैं। अब हम कहां सर छिपाएं। आंखों में आसू और सिसकती बिटिया के रूंधे गले की आवाज ने मौजूद लोगों की आंखे नम कर दी। तो सख्त प्रशासक के तौर पर यहां मौजूद नगर मजिस्ट्रेेट अशोक कुमार मौर्य भी भावुक हो गए। उन्होने एक अविभावक की तरह उसकी अरदास न केवल सुनी बल्कि अमल में जाने का भी भरोसा दिया।
संजू दीक्षित का दो मंजिला अवैध मकान प्रशासन की कार्रवाई की जद में आने के बाद ध्वस्त करा दिया गया। जिसके बाद उनकी पत्नी मंजू व बीए की छात्रा बेटी मोनिका ग्यारवी की छात्रा वैष्णवी और दसवी का छात्र पुत्र मोनू सामान सहित सड़क पर आ गए। बेटी मोनिका के करूणक्रदन की गूंज कलेक्ट्रेट में बैठे जिलाधीश मानवेन्द्र सिंह के कानों तक जैसे ही पहुंची। उन्होंने आनन— में इस छत विहीन परिवार को आवास देने का हुक्म जारी किया। नगर मजिस्ट्रेट श्री मौर्या ने सड़क पर आए परिवार को कांशीराम कालोनी में आवास दिलाने का आश्वासन दिया। बोले कि व्यवस्था बहाली केे लिए पत्थर रखने पड़ते हैं। प्रशासन जान बूझकर किसी को बेघर नहीं करता।