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आज के दिन इस तरह करें मां वैभव लक्ष्मी का व्रत और पूजन

Vaibhav Laxmi Mantra

मां वैभव लक्ष्मी

आज शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी का व्रत और पूजन किया जाता है। मान्यता है कि अगर व्यक्ति को लंबे से परेशान है और उसके काम नहीं बन पा रहे हैं तो वैभव लक्ष्मी का व्रत करने से परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। माता हाथ हमेशा अपने भक्तों पर बना रहता है। शुक्रवार को वैभव लक्ष्‍मी का व्रत करने से व्यक्ति को सफलता प्राप्‍त होती है। अगर आप आज इस व्रत को करने पर विचार कर रहे हैं तो हम आपको इस व्रत की पूजा-विधि बता रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे करें वैभव लक्ष्मी का पूजन।

इस तरह करें पूजा:

  1. शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठे और स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहन लें। फिर मंदिर की साफ-सफाई करें। मां लक्ष्मी का ध्यान कर 11 या 21 शुक्रवार व्रत रखने का संकल्प लें। यह व्रत फलाहार होता है। शाम को व्रत पूरा होने के बाद अन्न ग्रहण किया जा सकता है।
  2. पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को स्नान कर पूर्व दिशा की तरह मुंह कर आसन पर बैठ जाएं। फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। इस पर वैभव लक्ष्‍मी की तस्‍वीर या मूर्ति स्‍थापित करें। फिर श्रीयंत्र को तस्‍वीर के पास रख दें।
  3. तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल रख दें। इसे ढेर के तौर पर रखें। फिर इस पर जल से भरा तांबे का कलश रखें। इस पर एक छोटी कटोरी रखें। इसमें सोने या चांदी का कोई गहना रख दें।
  4. ध्यान रहे कि वैभव लक्ष्‍मी की पूजा में लाल चंदन, गंध, लाल वस्‍त्र, लाल फूल जरूर रखें जाएं।
  5. प्रसाद के लिए गाय के दूध से चावल की खीर बनाएं। खीर न बन पाए तो सफेद मिठाई से भी भोग लगाया जा सकता है।
  6. पूजा के बाद लक्ष्‍मी स्‍तवन का पाठ अवश्य करें। फिर वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें।

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

यत्राभ्याग वदानमान चरणं प्रक्षालनं भोजनं

सत्सेवां पितृ देवा अर्चनम् विधि सत्यं गवां पालनम

धान्यांनामपि सग्रहो न कलहश्चिता तृरूपा प्रिया:

दृष्टां प्रहा हरि वसामि कमला तस्मिन ग्रहे निष्फला:

  1. लक्ष्मी जी की पूजा करने के बाद श्रीयंत्र की भी पूजा करें। पूजा के समय श्रीयंत्र को लक्ष्‍मी माता के पीछे रखें। इसकी पूजा पहले करें। फिर वैभव लक्ष्‍मीजी की पूजा करें। व्रत की कथा जरूर पढ़ें। फिर गोघृत दीपक से आरती करें।
  2. पूजा करने के बाद अपनी मनोकामना को मन में 7 बार जरूर दोहराएं। साथ ही मां लक्ष्मी का ध्यान करें। घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं।
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